Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रेड वॉर में भारत को लपेटते हुए ‘ट्रंप टैक्स’ यानी रेसिप्रोकल टैरिफ को 2 अप्रैल से लागू करने की घोषणा की। ट्रंप ने कहा कि कनाडा, मैक्सिको, भारत और दक्षिण कोरिया जैसे देश अमेरिका पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं, इसलिए अब अमेरिका भी उनके सामान पर उतना ही टैक्स लगाएगा। ट्रंप ने कहा कि यह फैसला अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत और संतुलित बनाने के लिए जरूरी है।
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Trump Tariff: भारत को होगा 7 अरब डॉलर का नुकसान
अमेरिका का कहना है कि ये देश अमेरिकी सामान पर पहले से ही ज्यादा टैक्स लगाते हैं। जापानी निवेश फर्म नोमुरा के अनुसार, अमेरिका भारत पर और ज्यादा टैक्स लगा सकता है। भारत अमेरिकी कृषि उत्पादों पर औसतन 36% टैक्स लेता है, जिसे कम करना मुश्किल होगा। सिटी ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, इस फैसले से भारत को हर साल करीब 7 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है।
भारतीयों का अमेरिका में काम करना मुश्किल
बता दें कि भारत का आईटी सेक्टर काफी हद तक अमेरिका पर निर्भर है। ट्रंप की टैरिफ नीति और वीजा नियमों में बदलाव से आईटी कंपनियों को नए प्रोजेक्ट्स मिलने में दिक्कत हो सकती है। अगर एच-1बी वीजा की शर्तें सख्त हुईं, तो भारतीयों का अमेरिका में काम करना काफी मुश्किल होगा।
इन सेक्टरों पर पड़ेगा प्रभाव
इंडिया सबसे ज्यादा अमेरिका को जेनेरिक दवाएं सप्लाई करता है। भारतीय फार्मा कंपनियां अमेरिकी बाजार से अरबों डॉलर कमाती हैं। ट्रंप अगर इन दवाओं पर सबसे ट्रैरिफ लगाते है तो उनकी कीमतें बढ़ सकती हैं और निर्यात पर असर पड़ सकता है।
अगर ऑटो मोबाइल की बात की जाए तो अमेरिका टाटा मोटर्स, महिंद्रा और मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों के लिए खास बाजार है। ट्रैरिफ बढ़ने के साथ ही भारतीय कार कंपनियों के लिए अमेरिका में बिजनेस करना मुश्किल होगा।
भारतीय टेक्सटाइल कंपनियां बड़े पैमाने पर अमेरिका को निर्यात करती हैं। टैरिफ लगने से वियतनाम जैसी अर्थव्यवस्थाओं को फायदा होगा। इसकी वजह से स्टील और एल्युमिनियम सेक्टर भी प्रभावित हो सकता है।