Periods but still Pregnant: अक्सर माना जाता है कि अगर प्रेग्नेंसी होती है तो पीरियड्स रुक जाते हैं। लेकिन मेडिकल साइंस की मानें तो ऐसा हमेशा ज़रूरी नहीं।
कुछ खास मेडिकल स्थितियों में महिलाएं गर्भवती होने के बावजूद ब्लीडिंग अनुभव करती हैं, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।
इसे ‘सरप्राइज़ प्रेग्नेंसी’ कहा जाता है।
बिना सेफ्टी के संबंध और छुपी हुई प्रेग्नेंसी
Periods but still Pregnant: अगर किसी महिला ने बिना किसी प्रोटेक्शन के यौन संबंध बनाया है, तो गर्भधारण की संभावना बनी रहती है।
अगर पीरियड्स समय पर आ जाएं। कुछ मामलों में शरीर में होने वाली हल्की ब्लीडिंग को महिलाएं पीरियड्स समझ लेती हैं, लेकिन वो असल में गर्भावस्था का संकेत हो सकता है।
यूट्रस की बनावट भी बन सकती है वजह
Periods but still Pregnant: कुछ महिलाओं का गर्भाशय सामान्य न होकर “बाइकोर्नुएट” होता है, यानि दिल के आकार का, जिसमें दो हिस्से होते हैं।
ऐसे मामलों में एक हिस्से में गर्भ ठहरता है और दूसरे हिस्से से पीरियड्स की तरह ब्लीडिंग होती रहती है।
इस कारण महिला को पता भी नहीं चलता कि वह गर्भवती है।
ब्रेकथ्रू ब्लीडिंग, असली पीरियड्स नहीं
Periods but still Pregnant: गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव के कारण ‘ब्रेकथ्रू ब्लीडिंग’ हो सकती है। यह हल्की ब्लीडिंग होती है जिसे महिलाएं मासिक धर्म समझ बैठती हैं।
गर्भनिरोधक पिल्स लेने वाली महिलाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है।
प्रेग्नेंसी टेस्ट भी दे सकता है गलत नतीजा
Periods but still Pregnant: घर पर किए जाने वाले प्रेग्नेंसी टेस्ट हमेशा भरोसेमंद नहीं होते। अगर यूरिन में HCG हार्मोन का स्तर कम होता है, तो टेस्ट निगेटिव आ सकता है। अगर महिला गर्भवती हो तो भी ये हो सकता है। इसलिए खून की जांच को अधिक सटीक और विश्वसनीय माना जाता है।
अनियमित पीरियड्स से भी हो सकता है भ्रम
Periods but still Pregnant: जिन महिलाओं की पीरियड साइकिल अनियमित होती है, उन्हें प्रेग्नेंसी के संकेत पहचानने में मुश्किल हो सकती है।
कभी-कभी गर्भवती होने पर भी हल्की ब्लीडिंग हो सकती है, जिससे उन्हें भ्रम हो सकता है कि उनके पीरियड्स जारी हैं।
ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी होता है।
क्या करें अगर संदेह हो?
Periods but still Pregnant: अगर बिना कंडोम या किसी सेफ्टी के संबंध बने हों और उसके बाद भी पीरियड्स आए हों, लेकिन मन में संदेह हो, तो डॉक्टर से सलाह लें। ब्लड टेस्ट और सोनोग्राफी के ज़रिए ही सटीक जानकारी मिल सकती है।