डिजिटल पेमेंट में आया नया नियम: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल पेमेंट को और सुरक्षित व भरोसेमंद बनाने के लिए नए नियम जारी किए हैं।
25 सितंबर को घोषित इन नियमों के तहत अब ऑनलाइन पेमेंट केवल SMS आधारित OTP से ही नहीं, बल्कि फिंगरप्रिंट, फेस रिकॉग्निशन, पासवर्ड, पिन और अन्य बायोमेट्रिक विकल्पों से भी किया जा सकेगा।
ये नए नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे।
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टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन होगा और मज़बूत
डिजिटल पेमेंट में आया नया नियम: वर्तमान में ज्यादातर बैंक और पेमेंट ऐप्स OTP के ज़रिए ही लेनदेन की पुष्टि करते हैं।
लेकिन नए नियम लागू होने के बाद OTP एकमात्र विकल्प नहीं रहेगा।
RBI ने ऑथेंटिकेशन को तीन कैटेगरी में बांटा है—
डिजिटल पेमेंट में आया नया नियम: कुछ जो यूजर के पास हो – जैसे मोबाइल या हार्डवेयर टोकन
कुछ जो यूजर जानता हो – जैसे पासवर्ड, पिन या पास फ्रेज
यूजर की पहचान – जैसे फिंगरप्रिंट या फेस रिकॉग्निशन
हर ट्रांजैक्शन में होगा यूनिक वेरिफिकेशन
डिजिटल पेमेंट में आया नया नियम: RBI के अनुसार अब हर भुगतान में कम से कम एक ऐसा वेरिफिकेशन फैक्टर अनिवार्य होगा, जो यूनिक और नए ट्रांजैक्शन के लिए अलग होगा।
यानी रिपीटेबल या पुराने कोड से पेमेंट संभव नहीं होगा। इससे धोखाधड़ी की संभावना काफी कम हो जाएगी।
साथ ही, बैंक और पेमेंट प्रोवाइडर अब रिस्क एनालिसिस कर पाएंगे जिसमें यूजर का व्यवहार, ट्रांजैक्शन लोकेशन, डिवाइस की जानकारी और पिछले लेनदेन जैसे कारक शामिल होंगे।
विदेशी लेनदेन पर भी सख्ती
डिजिटल पेमेंट में आया नया नियम: RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि 1 अक्टूबर 2026 से ‘कार्ड नॉट प्रेजेंट’ प्रकार के विदेशी ट्रांजैक्शन में भी ये सख्त नियम लागू होंगे।
यानी भारत से बाहर होने वाले पेमेंट्स पर भी मजबूत वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा।
नियमों के उल्लंघन पर मुआवज़ा
डिजिटल पेमेंट में आया नया नियम: अगर किसी बैंक या वित्तीय संस्था की लापरवाही के कारण नए नियमों का पालन न हो और ग्राहक का पैसा डिजिटल धोखाधड़ी में खो जाए, तो उस पूरी राशि की भरपाई संबंधित संस्था को करनी होगी।
इससे ग्राहक को अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी और वित्तीय संस्थानों की ज़िम्मेदारी भी तय होगी।

