अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इतिहास रच दिया है।
20 अक्टूबर 2025 को उन्होंने व्हाइट हाउस के ईस्ट विंग में बुलडोजर और क्रेनों से तोड़फोड़ का काम शुरू करवाया, ताकि वहां दुनिया का सबसे भव्य 90,000 वर्ग फुट का बॉलरूम बनाया जा सके।
इस निर्माण की अनुमानित लागत 200 से 250 मिलियन डॉलर बताई जा रही है।
ट्रंप का “भव्य बॉलरूम” प्रोजेक्ट
नए बॉलरूम को इस तरह डिज़ाइन किया जा रहा है कि वहां बड़े समारोह, अंतरराष्ट्रीय बैठकों, और औपचारिक दावतों का आयोजन किया जा सके।
बॉलरूम में सोने के झूमर, गिल्डेड कॉलम, चेकर्ड मार्बल फ्लोर और बड़ी खिड़कियां होंगी।
इसे दक्षिणी मैदान की ओर खोला जाएगा ताकि व्हाइट हाउस की पुरानी नेओक्लासिकल स्टाइल को बरकरार रखा जा सके।
ट्रंप का 15 साल पुराना विज़न
यह कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं है। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग 15 साल पहले व्हाइट हाउस में एक भव्य आयोजन स्थल बनाने का सपना देखा था।
उनका मानना था कि मौजूदा East Room छोटे आयोजनों के लिए तो ठीक है, लेकिन बड़े अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त नहीं।
अब राष्ट्रपति बनने के बाद, ट्रंप अपने इस सपने को हकीकत में बदल रहे हैं।
ईस्ट विंग पर चला बुलडोजर
व्हाइट हाउस का ईस्ट विंग 1902 में बनाया गया था, और इसका आखिरी बड़ा नवीनीकरण 1942 में हुआ था। अब इस हिस्से को पूरी तरह से ध्वस्त किया जा रहा है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ईस्ट विंग की छत, प्रवेश द्वार और खिड़कियां तोड़ी जा चुकी हैं।
भारी मशीनें लगातार काम कर रही हैं और चारों ओर निर्माण का मलबा बिखरा पड़ा है।
निजी फंडिंग से होगा निर्माण
ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस पूरे प्रोजेक्ट में सरकारी बजट का उपयोग नहीं किया जाएगा। निर्माण कार्य निजी फंडिंग से किया जा रहा है। ट्रंप और उनके करीबी डोनर्स मिलकर इस परियोजना में निवेश कर रहे हैं।
ट्रंप का कहना है कि यह कदम व्हाइट हाउस को और आधुनिक और भव्य बनाने की दिशा में उठाया गया है।
बॉलरूम की प्रमुख विशेषताएँ
- क्षेत्रफल: 90,000 वर्ग फुट
- क्षमता: लगभग 650 लोग
- डिज़ाइन: सोने के झूमर, गिल्डेड कॉलम, चेकर्ड मार्बल फ्लोर, बड़ी खिड़कियां
- स्थान: व्हाइट हाउस के दक्षिणी मैदान की ओर खुला
- औपचारिक समारोह, बैठकों और भोज का आयोजन
अमेरिका के इतिहास में नया अध्याय
ट्रंप का यह “व्हाइट हाउस रिनोवेशन प्रोजेक्ट” अमेरिकी इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा आधुनिकीकरण अभियान माना जा रहा है।
आलोचक इसे “बेतुका खर्च” कह रहे हैं, जबकि समर्थकों का मानना है कि यह कदम अमेरिका की प्रतिष्ठा को नए स्तर पर ले जाएगा।

