Waziristan Suicide Attack: 28 जून 2025 को पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के वजीरिस्तान जिले में एक भयावह आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें पाकिस्तानी सेना के 16 जवान मारे गए, जबकि दर्जनों नागरिक गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हमले ने न केवल पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि एक बार फिर इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच कूटनीतिक तनाव भी बढ़ा दिया है
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कैसे हुआ हमला?
घटना शनिवार को उस वक्त हुई जब वजीरिस्तान के एक सैन्य काफिले को आत्मघाती हमलावरों ने विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी से निशाना बनाया। धमाका इतना भीषण था कि आसपास स्थित दो मकानों की छतें भी ढह गईं, जिससे छह मासूम बच्चे घायल हो गए। चश्मदीदों के अनुसार, धमाके के बाद पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई और सेना ने तुरंत इलाके को घेर लिया।
जिम्मेदारी TTP ने ली
Waziristan Suicide Attack: हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली है। यह वही कट्टरपंथी संगठन है जो लंबे समय से पाकिस्तान की सेना और सुरक्षाबलों पर हमले करता आया है। बीते कुछ महीनों में TTP की गतिविधियों में एक बार फिर तेजी देखी गई है, खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे अशांत क्षेत्रों में।
पाकिस्तान का भारत पर आरोप
इस आत्मघाती हमले के पीछे पाकिस्तान की सेना ने अप्रत्याशित रूप से भारत पर परोक्ष रूप से उंगली उठाई है। सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने बयान जारी करते हुए कहा कि ‘भारत समर्थित कुछ आतंकी समूहों’ ने यह हमला किया है। ISPR के अनुसार, “अपनी हताशा में भारत समर्थक आतंकवादियों ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी को हमारे सैन्य काफिले में घुसा दिया।”
हालांकि इस बयान में प्रत्यक्ष रूप से भारत का नाम नहीं लिया गया, लेकिन शब्दों की चतुराई से यह संदेश देने की कोशिश की गई कि भारत इस घटना में किसी न किसी रूप में संलिप्त है।
Waziristan Suicide Attack: भारत का कड़ा खंडन
इस आरोप पर भारत ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने रविवार (29 जून) को X (पूर्व में ट्विटर) पर स्पष्ट शब्दों में कहा, “हमने पाकिस्तान सेना का बयान देखा है जिसमें वजीरिस्तान हमले के लिए भारत को दोषी ठहराया गया है। हम इस तरह के निराधार और गैर-जिम्मेदाराना आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान को अपनी विफल आंतरिक नीतियों और चरमपंथियों को नियंत्रण में न रख पाने की जिम्मेदारी भारत पर नहीं डालनी चाहिए।
आंतरिक विफलता को ढकने की कोशिश?
Waziristan Suicide Attack: विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान इस समय गंभीर आंतरिक संकट से जूझ रहा है — आर्थिक मंदी, राजनीतिक अस्थिरता और चरमपंथियों के बढ़ते हमले। ऐसे में सेना और सरकार का ध्यान बाहरी दुश्मन दिखाकर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश हो सकती है। वजीरिस्तान, जहां ये हमला हुआ, पहले से ही तालिबान प्रभाव के चलते पाकिस्तान के लिए एक “नो-गो जोन” जैसा बन चुका है। वहां की जमीनी हकीकत से भटककर भारत पर आरोप लगाना समस्या की जड़ को नज़रअंदाज़ करना है।