Uttarakhand Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित धराली गांव में एक भीषण प्राकृतिक आपदा सामने आई है।
खीर गंगा नदी के ऊपर बादल फटने से अचानक भयंकर बाढ़ आ गई, जिसने पूरे क्षेत्र में भारी तबाही मचा दी। इस बाढ़ की चपेट में आकर लगभग 20 से 25 होटल और होमस्टे बह गए हैं।
अब तक की जानकारी के अनुसार 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लगभग 50 लोग लापता हैं। कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है, जिससे मरने वालों की संख्या और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
यह हादसा 2013 में केदारनाथ में आई त्रासदी की भयावह याद दिला देता है, जब कुछ ही मिनटों में एक पूरा तीर्थस्थल तबाह हो गया था।
Table of Contents
Uttarakhand Cloudburst: सेना के 10 जवान लापता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक जताया है और बताया कि राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता पर कर रही है।
SDRF (राज्य आपदा प्रतिवादन बल), NDRF (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल), सेना और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर युद्धस्तर पर राहत कार्य में लगी हैं।
जिला अधिकारी (DM) की ओर से अब तक 4 लोगों के शव बरामद होने की पुष्टि हुई है। वहीं सेना के 10 जवानों के लापता होने की खबर भी सामने आई है, लेकिन इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
150 लोगों को बचाया
एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसेन शहीदी ने बताया कि घटनास्थल से अब तक करीब 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। वहीं, 100 से अधिक लोगों के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है,
इसलिए लापता लोगों की सूची लगातार अपडेट की जा रही है। बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की तीन टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी हैं और कुछ टीमें पहले से वहां राहत अभियान चला रही हैं।
34 सेकेंड में सब तबाह
धराली गांव में पहाड़ियों से बहते पानी की तेज धाराओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि पानी का बहाव इतना तेज था कि कई घर, दुकानें और होटल पूरी तरह बह गए। लोग चीखते-चिल्लाते भागते नजर आ रहे हैं।
गांव में दहशत और मातम का माहौल है। जो लोग जिंदा बचे हैं, वे बेहद डरे हुए हैं और अब भी इस सदमे से उबर नहीं पाए हैं। गांव के कई हिस्सों में बिजली और संचार व्यवस्था ठप हो गई है, जिससे राहत कार्यों में भी कठिनाई आ रही है।
मां गंगा का मायका
धराली गांव, उत्तरकाशी जिले में स्थित एक छोटा लेकिन धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है। यह गांव हर्षिल से केवल 2 किलोमीटर दूर और गंगोत्री धाम से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर भागीरथी (गंगा) नदी के किनारे बसा है।
यह क्षेत्र चारधाम यात्रा मार्ग पर आता है, इसलिए यहां बड़ी संख्या में होटल, होमस्टे और रेस्टोरेंट बने हुए हैं। इस समय चारधाम यात्रा का सीजन चल रहा है, जिससे पर्यटकों की संख्या अधिक थी।
धराली गांव के पास ही मुखबा गांव स्थित है, जिसे मां गंगा का मायका माना जाता है। गंगोत्री मंदिर जब सर्दियों में बंद हो जाता है, तब मां गंगा की मूर्ति को मुखबा लाया जाता है और यहीं शीतकालीन पूजन होता है। इस कारण धराली और मुखबा दोनों धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत पवित्र माने जाते हैं।