Wednesday, December 3, 2025

संचार साथी ऐप: सरकार करेगी साइबर अपराधियों का काम ठप्प, 90 दिनों में मिलेगी मोबाइल चोरों से राहत

संचार साथी ऐप: साइबर फ्रॉड और मोबाइल चोरी के बढ़ते मामलों के बीच भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है।

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दूरसंचार विभाग (DoT) ने सभी नए स्मार्टफोन में ‘संचार साथी’ ऐप को प्री-इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है।

यह ऐप, जो 2023 में लॉन्च हुआ था, अब तक 5 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड हो चुका है और लाखों फोन चोरी रोकने में मदद कर चुका है।

लेकिन विपक्ष के सवालों के बाद केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया कि ऐप वैकल्पिक है इसे डिलीट या डिसेबल किया जा सकता है, और यह किसी भी प्रकार से प्राइवेसी का उल्लंघन नहीं करता।

सरकार का आदेश

संचार साथी ऐप: 28 नवंबर को जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक 90 दिनों के बाद भारत में बनने या आयात किए जाने वाले सभी मोबाइल फोन में संचार साथी एप पहले से मौजूद होना चाहिए।

यह एप फोन सेटअप के दौरान आसानी से दिखाई दे और इसे हटाया या डिसेबल ना किया जा सके।

सरकार ने साफ कहा है कि यह नियम सभी कंपनियों पर लागू होगा। चाहे वह एपल, सैमसंग, गूगल, शाओमी, वीवो या कोई दूसरा ब्रांड हो।

सरकार के अनुसार, IMEI से छेड़छाड़ करना गंभीर अपराध है।

यह गैर जमानती अपराध है और दूरसंचार अधिनियम 2023 के अनुसार इसमें 3 साल की जेल, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

अगर निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो कंपनियों पर दूरसंचार अधिनियम 2023, दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम 2024 सहित अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

सरकार के नए नियम

संचार साथी ऐप: इन आदेशों से पहले ही सरकार ने वाट्सएप, सिग्नल, टेलीग्राम जैसी एप-आधारित सेवाओं पर भी नए नियम लागू किए थे।

इन एप्स को उपयोगकर्ता के एक्टिव सिम कार्ड से लगातार लिंक्ड रहना होगा।

एप्स का वेब वर्जन हर 6 घंटे में ऑटो लॉगआउट होगा।

दोबारा लॉग इन करने के लिए QR कोड स्कैन करके डिवाइस को फिर से लिंक करना होगा।

कंपनियों को भी 120 दिनों में ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी होगी।

क्या है संचार साथी ऐप?

संचार साथी ऐप: संचार साथी ऐप साइबर सिक्योरिटी टूल है, यह ऐप 2023 में एक वेब पोर्टल के रूप में शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य नागरिकों को उनके मोबाइल नंबर और डिवाइस से जुड़ी सुरक्षा उपलब्ध कराना था।

बाद में इसे और उपयोगी बनाते हुए जनवरी 2025 में मोबाइल ऐप के रूप में पेश किया गया।

यह CEIR (Central Equipment Identity Register) डेटाबेस से जुड़ा है, जहां हर मोबाइल फोन का IMEI नंबर रजिस्टर्ड होता है।

ऐप आपके फोन को सुरक्षित रखता है, पहचान के दुरुपयोग को रोकता है और जरूरत पर सरकारी मदद उपलब्ध कराता है।

यह ऐप एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म व हिंदी सहित 21 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध, Google Play Store और Apple App Store से फ्री डाउनलोड हो सकता है।

सरकार का दावा है कि यह ऐप साइबर ठगी, चोरी के फोन, फर्जी SIM और नकली IMEI पर अंकुश लगाएगा।

कैसे काम करता है?

संचार साथी ऐप: यह ऐप फोन के IMEI नंबर, आपके मोबाइल नंबर और नेटवर्क से जुड़ी जानकारी की मदद से आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

जब आप इस ऐप को फोन में खोलते हैं, तो सबसे पहले यह आपका मोबाइल नंबर मांगता है, नंबर डालने के बाद आपके फोन पर एक OTP आता है, जिसे डालकर आपका फोन इस ऐप से जुड़ जाता है।

इसके बाद ऐप आपके फोन के IMEI नंबर को पहचान लेता है, ऐप IMEI को DoT की केंद्रीय CEIR प्रणाली से मिलाता है और यह जांचता है कि फोन वैध है या कहीं चोरी या ब्लैकलिस्ट में दर्ज तो नहीं।

संचार साथी से मिलेंगे फ़ायदे

संचार साथी ऐप: यह ऐप आपके मोबाइल, SIM, सुरक्षा और साइबर फ्रॉड से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान एक ही जगह देता है।

यदि आपका मोबाइल चोरी हो जाए या कहीं खो जाए, तो यह ऐप तुरंत फोन को ब्लॉक कराने में मदद करता है, चोरी या खोए हुए फोन को ट्रैक कराने में मदद करता है।

आपके नाम पर कितनी SIM चल रही हैं, यह भी बताता है।

यदि कोई धोखेबाज कॉल करता है जैसे बैंक का अधिकारी बनकर OTP मांगना, फर्जी कूरियर कॉल, लॉटरी या KYC अपडेट करने का झांसा तो आप उस नंबर की शिकायत सीधे इस ऐप से कर सकते हैं।

आप किसी भी मोबाइल के IMEI नंबर को ऐप में डालकर जांच सकते हैं कि फोन असली है, चोरी का है या ब्लैकलिस्ट है। सेकंड हैंड फोन खरीदते समय यह फीचर बहुत काम आता है।

बहुत से लोग फर्जी बैंक नंबरों से ठगी का शिकार हो जाते हैं। संचार साथी ऐप सभी प्रमुख बैंकों और संस्थानों के वैध और सुरक्षित नंबर दिखाता है, जिससे यूजर किसी गलत नंबर पर कॉल न करें।

अब तक कितना फ़ायदा हुआ?

संचार साथी ऐप: संचार साथी वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक, इस पहल के जरिए अब तक 42.14 लाख से ज्यादा मोबाइल फोन ब्लॉक किए जा चुके हैं।

इसके साथ 26.11 लाख से अधिक खोए या चोरी हुए हैंडसेट का पता लगाया गया है।

इसके अलावा, लोगों ने अपने नाम पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर जानने के लिए 288 लाख से अधिक रिक्वेस्ट भेजी हैं, जिनमें से 254 लाख से ज्यादा मामलों का समाधान भी कर दिया गया है।

अब तक के आंकड़े बताते हैं कि इसकी मदद से 3 करोड़ फर्जी कनेक्शन बंद हो चुके हैं।

संचार साथी ऐप को लेकर लोगों में काफी दिलचस्पी देखी गई है।

अब तक 1.14 करोड़ से ज्यादा यूजर्स ऐप पर रजिस्टर कर चुके हैं।

Google Play Store पर इसे 1 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया गया है, जबकि Apple Store से इसके 9.5 लाख से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं।

क्या पुराने फोन में भी आएगा यह ऐप?

संचार साथी ऐप: जो फोन पहले से कंपनी के सप्लाई चेन में मौजूद हैं या जल्द मार्केट में आने वाले हैं, उन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह ऐप भेजा जाएगा।

यानी नए फोन में यह पहले से होगा और कई पुराने फोन में OTA (ओवर द एयर) अपडेट से भी आ सकता है।

विपक्ष ने लगाया आऱोप

संचार साथी ऐप: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने दूरसंचार विभाग (DoT) के उस निर्देश पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने इस एप को “जासूसी एप” बताते हुए कहा कि यह कदम नागरिकों की निजता पर सीधा हमला है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि हर नागरिक का निजता का अधिकार सर्वोपरि है।

लोग अपने परिवार या दोस्तों को जो संदेश भेजते हैं, उन पर सरकार को निगरानी रखने का कोई अधिकार नहीं है।

उनके अनुसार, इस तरह की बाध्यता जनता के भरोसे को कमजोर करती है।

प्रियंका गांधी ने कहा, “साइबर सुरक्षा जरूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सरकार हर नागरिक के फोन में झांकने का बहाना बनाए। मुझे नहीं लगता कि कोई भी नागरिक इससे खुश होगा”

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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