पुतिन
भारत के लिए रूस की रणनीतिक प्राथमिकता समझने का संकेत, पुतिन का पूर्ण शक्ति दल लेकर दिल्ली पहुँचना
पुतिन का भारत दौरा और असाधारण प्रतिनिधिमंडल
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत ऐसे साधारण राजकीय दौरे पर नहीं आए, बल्कि वे अपनी पूरी निर्णय प्रक्रिया को साथ लेकर आए।
उनके साथ #सिलोविकी_सर्किल का पूरा शीर्ष नेतृत्व मौजूद है, जिसमें कैबिनेट स्तर के मंत्री, सुरक्षा परिषद प्रमुख, खुफिया सेवा प्रमुख और केंद्रीय बैंक की गवर्नर शामिल हैं।
यह उपस्थिति भारत को रूस की प्राथमिक साझेदारी के रूप में संकेतित करती है।
गृह मंत्री व्लादिमीर कोलोकोल्त्सेव
रूस के गृह मंत्री कोलोकोल्त्सेव रूस की आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था और पुलिस संरचना के सर्वोच्च अधिकारी हैं।
वे संगठित अपराध, साइबर सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक सहयोग में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
भारत-रूस सुरक्षा चर्चा में उनकी उपस्थिति दोनों देशों के बीच आंतरिक सुरक्षा सहयोग की गंभीरता दर्शाती है।
रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉफ
बेलोउसॉफ रूस की रक्षा नीति और सैन्य आधुनिकीकरण के प्रमुख वास्तुकार हैं। आर्थिक पृष्ठभूमि के कारण वे रक्षा उत्पादन, लागत अनुकूलन और तकनीकी नवाचार पर विशेष ध्यान रखते हैं।
उनकी मौजूदगी भारत के रक्षा औद्योगिक सहयोग और संयुक्त परियोजनाओं के नए चरण का संकेत देती है।
वित्त मंत्री एंतोन सिलुआनोव
सिलुआनोव रूसी अर्थव्यवस्था की वित्तीय स्थिरता, बजट प्रबंधन और वैश्विक लेनदेन ढांचे में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं।
वे वैकल्पिक भुगतान प्रणालियों, मुद्रा सहयोग, और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बीच वित्तीय मार्ग विकसित करने में महत्वपूर्ण रणनीतिकार माने जाते हैं। भारत के साथ व्यापारिक तंत्र पर चर्चा में उनकी भूमिका निर्णायक है।
कृषि मंत्री ऑक्साना
रूस की कृषि मंत्री ऑक्साना रूस की खाद्य सुरक्षा, वैश्विक अनाज व्यापार, उर्वरक आपूर्ति श्रृंखला और कृषि आधुनिकीकरण की रणनीतिक योजनाओं को संचालित करती हैं।
भारत के साथ उर्वरक और अनाज आपूर्ति सहयोग की मजबूती में उनकी उपस्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आर्थिक विकास मंत्री मक्सिम रेशेत्निकोव
रेशेत्निकोव रूस की आर्थिक नीति, औद्योगिक विकास और विदेशी निवेश रणनीति को दिशा देते हैं। वे अवसंरचना विकास, व्यापार विस्तार और ऊर्जा सहयोग के प्रमुख सूत्रधार हैं।
भारत के साथ निवेश, टेक्नोलॉजी और औद्योगिक कॉरिडोर संबंधों को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका अहम होगी।
स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को
मुराश्को रूस की स्वास्थ्य नीति, वैक्सीन अनुसंधान और चिकित्सा अवसंरचना के शीर्ष प्रशासक हैं। कोविड काल में रूस के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने के कारण उनकी अंतरराष्ट्रीय भूमिका बढ़ी।
भारत के साथ चिकित्सा अनुसंधान और फार्मा सहयोग के विस्तार के लिए वे केंद्रीय बिंदु हैं।
परिवहन मंत्री विताली सावेलेव
सावेलेव रूस के परिवहन, लॉजिस्टिक्स, बंदरगाह और हवाई सेवाओं की नीति के प्रभारी हैं। वे अंतरमहाद्वीपीय कनेक्टिविटी, उत्तरी समुद्री मार्ग और मालवाहक सहयोग के प्रमुख रणनीतिक योजनाकार हैं।
भारत-रूस लॉजिस्टिक्स मार्गों की पुनर्रचना पर उनकी भागीदारी निर्णायक है।
विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव
लावरोव रूस के सबसे अनुभवी राजनयिकों में गिने जाते हैं और वैश्विक कूटनीति में उनकी गहरी पकड़ है। वे भारत-रूस के रणनीतिक साझेदारी के स्थायी स्तंभ हैं।
रूस की विदेश नीति के आक्रामक संतुलन और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के समर्थक के रूप में उनकी उपस्थित भूमिका स्पष्ट करती है।
उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको
रुडेंको एशिया नीति, क्षेत्रीय सुरक्षा और कूटनीतिक वार्ताओं में विशेषज्ञ हैं। वे द्विपक्षीय सामरिक चर्चाओं का तकनीकी आधार तैयार करने वाले प्रमुख अधिकारी हैं।
भारत के साथ क्षेत्रीय सहयोग और भू-राजनीतिक बैलेंस में उनकी उपस्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सुरक्षा परिषद प्रमुख निकोलाई पेत्रुशेव
पेत्रुशेव रूस की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा रणनीति के सर्वोच्च मस्तिष्क माने जाते हैं। आतंकवाद, जासूसी, साइबर सुरक्षा और वैश्विक रणनीतिक संतुलन के मामलों में वे पुतिन के मुख्य सलाहकार हैं।
भारत के साथ व्यापक सुरक्षा ढांचे की बातचीत में उनकी उपस्थिति असाधारण है।
विदेशी खुफिया सेवा प्रमुख सर्गेई नारिश्किन
नारिश्किन रूस की एसवीआर (विदेशी खुफिया सेवा) के प्रमुख हैं। वैश्विक खुफिया नेटवर्क, रणनीतिक आकलन और भू-राजनीतिक जोखिम विश्लेषण में उनकी भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
भारत के साथ साझा खुफिया सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा समन्वय में वे प्रमुख खिलाड़ी होंगे।
फेडरल सिक्योरिटी सर्विस डायरेक्टर अलेक्जेंडर बोर्तनिकोव
बोर्तनिकोव रूस की एफएसबी के प्रमुख हैं, जो आतंकवाद विरोधी अभियानों, सीमा सुरक्षा, साइबर खतरे और आंतरिक जासूसी विरोधी कार्यों के सर्वोच्च कमांडर हैं।
भारत के साथ आतंकवाद विरोधी समन्वय के विस्तार में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है।
सेंट्रल बैंक ऑफ रूस की गवर्नर एल्विरा नबीउलिना
नबीउलिना रूस की मौद्रिक नीति, मुद्रा स्थिरता और वित्तीय संरचना की केंद्रीय निर्णायक हैं। प्रतिबंधों के दौर में रूबल की स्थिरता बनाए रखने के उनके कौशल को वैश्विक स्तर पर सराहा गया।
भारत के साथ रुपये-रूबल तंत्र, वैकल्पिक भुगतान प्रणाली और मुद्रा सहयोग में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।
पुतिन का यह प्रतिनिधिमंडल सिर्फ कूटनीतिक संकेत नहीं, बल्कि रूस द्वारा भारत को दी जा रही रणनीतिक प्राथमिकता का स्पष्ट प्रमाण है।
रक्षा, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, सुरक्षा, खुफिया, कृषि, स्वास्थ्य और वित्त जैसे सभी क्षेत्रों के शीर्ष अधिकारी पुतिन के साथ उपस्थित हैं, जो दर्शाता है कि रूस भारत को आने वाले भू-राजनीतिक समीकरणों का सबसे विश्वसनीय साझेदार मानता है।

