तीन देश, एक संदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15 से 18 दिसंबर 2025 के बीच जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान का तीन देशों का दौरा भारत की विदेश नीति के इतिहास में एक निर्णायक और प्रभावशाली क्षण के रूप में दर्ज हो गया है।
यह यात्रा केवल औपचारिक बैठकों तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें व्यक्तिगत सम्मान, रणनीतिक साझेदारी, आर्थिक समझौते और सांस्कृतिक जुड़ाव का स्पष्ट संदेश दुनिया को मिला।
पीएम मोदी का जॉर्डन दौरा: 75 वर्षों की दोस्ती को मिला नया आयाम
तीन देश, एक संदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15–16 दिसंबर 2025 का जॉर्डन दौरा भारत–जॉर्डन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुआ।
यह यात्रा केवल औपचारिक कूटनीतिक भेंट नहीं थी, बल्कि इसने दोनों देशों के रिश्तों को एक मजबूत और रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया।
बता दें कि यह एक पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा थी, जो 37 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की जॉर्डन की पहली ऐसी यात्रा रही।
टूटा शाही प्रोटोकॉल, मिला ऐतिहासिक सम्मान
तीन देश, एक संदेश: इस दौरे की सबसे खास बात रहा प्रधानमंत्री मोदी का अभूतपूर्व स्वागत।
जॉर्डन के क्राउन प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय ने शाही परंपराओं को तोड़ते हुए स्वयं कार चलाकर पीएम मोदी का स्वागत किया।
यात्रा समाप्त होने पर भी वे खुद उन्हें एयरपोर्ट तक छोड़ने पहुंचे। किसी विदेशी नेता के लिए यह जॉर्डन शाही परिवार का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है।
व्यापार और निवेश में बड़े फैसले
तीन देश, एक संदेश: प्रधानमंत्री मोदी और जॉर्डन के राजा शाह अब्दुल्ला द्वितीय के बीच गहन द्विपक्षीय वार्ता हुई। इसके बाद कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए।
दोनों देशों ने अगले पाँच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 5 अरब डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य तय किया।
कृषि, ऊर्जा और पर्यटन में सहयोग
तीन देश, एक संदेश: जॉर्डन भारत को फॉस्फेट और पोटाश का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। इस क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत किया गया, जिससे भारतीय किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
हरित और सौर ऊर्जा में तकनीक साझा करने पर भी सहमति बनी। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत की एलोरा गुफाओं और जॉर्डन के पेट्रा शहर के बीच ‘ट्विनिंग’ समझौता हुआ।
आतंकवाद के खिलाफ साझा मोर्चा
तीन देश, एक संदेश: दोनों नेताओं ने आतंकवाद और कट्टरपंथ के सभी रूपों की कड़ी निंदा की और सुरक्षा व खुफिया सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
पीएम मोदी ने जॉर्डन म्यूजियम का दौरा किया और भारतीय समुदाय से मुलाकात कर उन्हें भारत का “एम्बेसडर” बताया।
पीएम मोदी का इथियोपिया दौरा: पहली द्विपक्षीय यात्रा, बना नया इतिहास
तीन देश, एक संदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 16–17 दिसंबर 2025 का इथियोपिया दौरा ऐतिहासिक रहा।
यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की इथियोपिया की पहली आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा थी, जिसने भारत–इथियोपिया संबंधों को एक नई दिशा और ऊँचाई प्रदान की।
प्रोटोकॉल से हटकर भव्य और व्यक्तिगत स्वागत
तीन देश, एक संदेश: इस दौरे की सबसे खास बात रहा इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली का व्यक्तिगत व्यवहार।
उन्होंने स्वयं अदीस अबाबा एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत किया और प्रोटोकॉल तोड़ते हुए खुद कार चलाकर उन्हें होटल तक ले गए।
रास्ते में दोनों नेता अदीस अबाबा के साइंस म्यूजियम और फ्रेंडशिप पार्क भी गए, जो दोनों नेताओं के बीच मजबूत व्यक्तिगत केमिस्ट्री को दर्शाता है।
सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज़े गए पीएम मोदी
तीन देश, एक संदेश: प्रधानमंत्री मोदी को इथियोपिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “द ग्रेट ऑनर ऑफ इथियोपिया” से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान पाने वाले वे पहले वैश्विक राष्ट्राध्यक्ष बने, जो भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और नेतृत्व को दर्शाता है।
रणनीतिक साझेदारी और अहम समझौते
तीन देश, एक संदेश: पीएम मोदी और पीएम अबी अहमद अली के बीच व्यापक वार्ता हुई, जिसके बाद दोनों देशों ने अपने संबंधों को औपचारिक रूप से “रणनीतिक साझेदारी” के स्तर पर पहुँचाने की घोषणा की।
मुख्य समझौतों में ICCR छात्रवृत्तियों की संख्या दोगुनी करना, ITEC कार्यक्रम के तहत AI और मशीन लर्निंग में विशेष प्रशिक्षण, अदीस अबाबा के महात्मा गांधी अस्पताल में मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल क्षमता बढ़ाना, रक्षा व खुफिया सहयोग, संयुक्त राष्ट्र शांति सेना प्रशिक्षण और इथियोपिया के विदेश मंत्रालय में डेटा सेंटर की स्थापना शामिल है।
सांस्कृतिक जुड़ाव और भावनात्मक क्षण
तीन देश, एक संदेश: पीएम मोदी ने इथियोपिया की पारंपरिक कॉफी सेरेमनी में भाग लिया। भोज समारोह के दौरान इथियोपियाई गायकों द्वारा प्रस्तुत “वंदे मातरम्” ने सभी को भावुक कर दिया।
17 दिसंबर को पीएम मोदी ने अदवा विजय स्मारक पर माल्यार्पण कर उपनिवेशवाद के खिलाफ इथियोपिया के संघर्ष को श्रद्धांजलि दी।
राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ का अद्भुत क्षण
तीन देश, एक संदेश: इथियोपिया दौरे के बाद 17 से 18 दिसंबर 2025 तक ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक के निमंत्रण पर पीएम मोदी वहाँ के दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे।
बताया जा रहा है कि यह यात्रा भारत और ओमान के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है।
इस यात्रा के दौरान भारत और ओमान के बीच बहुप्रतीक्षित व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता अगले 2-3 वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार को दोगुना कर सकता है।
यह समझौता भारत की ऊर्जा सुरक्षा और ओमान की खाद्य सुरक्षा की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा।
पीएम मोदी ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक के साथ व्यापक बातचीत करेंगे, जिसमें व्यापार, निवेश, ऊर्जा सहयोग, रक्षा, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, कृषि और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित द्विपक्षीय संबंधों के पूरे स्पेक्ट्रम की समीक्षा किये जाने की जानकारी सामने आ रही है।
पीएम मोदी दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं को संबोधित करेंगे, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक और निवेश साझेदारी को मजबूत करना है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी ओमान में रहने वाले बड़े भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगे, जो ओमान के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की यह यात्रा स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि भारत आज केवल संबंध ही निभा नहीं रहा, बल्कि उन्हें रणनीतिक साझेदारियों में भी बदल रहा है।

