जाफर एक्सप्रेस: पाकिस्तान में आतंकवाद का खौफ कभी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025 को रावलपिंडी से क्वेटा जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर बम धमाका हुआ।
यह धमाका इतना तेज था कि ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए और कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।
धमाके के बाद यात्रियों में अफरातफरी मच गई और लोगों ने खुद को बचाने के लिए इधर-उधर भागना शुरू कर दिया।
सुरक्षा बल और राहत दल तुरंत मौके पर पहुंचे और घायल यात्रियों को नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया गया।
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जाफर एक्सप्रेस: ट्रेन में पाकिस्तानी सैनिक सवार
हमले की जिम्मेदारी बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स ने ली है। संगठन ने दावा किया कि ट्रेन में उस समय पाकिस्तानी सैनिक सवार थे और इसी वजह से यह हमला किया गया।
बयान में कहा गया कि धमाके में कई जवान मारे गए और कुछ घायल हुए हैं। बलूच संगठन ने यह भी चेतावनी दी कि आने वाले समय में ऐसे और ऑपरेशन किए जाएंगे,
जिन्हें वे “आजादी की लड़ाई” का हिस्सा बताते हैं।
आतंकियों ने किया हाईजैक
जाफर एक्सप्रेस पर यह इस साल तीसरा बड़ा हमला है। इससे पहले 11 मार्च 2025 को इसी ट्रेन को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था।
उस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे।
जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना ने 33 आतंकियों को मार गिराया और 354 बंधकों को सुरक्षित छुड़ाया गया।
इसके बाद 10 अगस्त को मस्तुंग में आईईडी धमाके से ट्रेन के छह डिब्बे पटरी से उतर गए थे, जिसमें चार लोग घायल हुए थे।
वहीं जून 2025 में सिंध के जैकोबाबाद जिले में भी धमाके से ट्रेन की चार बोगियां पटरी से उतर गई थीं।
बलूच आर्मी आजादी के लिए लड़ रही
लगातार हो रहे इन हमलों ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बलूचिस्तान और आसपास के इलाके लंबे समय से अलगाववाद और आतंकवाद की जद में हैं।
बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स और बलूच लिबरेशन आर्मी जैसे संगठन यह दावा करते हैं कि वे अपने क्षेत्र की “आजादी” के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन इनके हमलों का सबसे बड़ा शिकार आम नागरिक और यात्री होते हैं।
इस तरह की घटनाएं न केवल जान-माल के नुकसान का कारण बनती हैं, बल्कि लोगों के मन में भय और असुरक्षा भी पैदा करती हैं।
जाफर एक्सप्रेस पर कई बार हुए हमले
जाफर एक्सप्रेस पर बार-बार हो रहे हमले यह दिखाते हैं कि पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां अभी भी आतंकवाद पर पूरी तरह से काबू नहीं पा सकी हैं।
सरकार और सेना के तमाम दावे और कार्रवाईयों के बावजूद हमलों का सिलसिला नहीं रुका है।
हर बार के हमले के बाद जांच और सुरक्षात्मक उपाय किए जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद आतंकियों की सक्रियता कम नहीं हुई है।
यह नया धमाका पाकिस्तान के लिए एक गंभीर चेतावनी है। यह दर्शाता है कि देश के भीतर आतंकवाद अब भी मजबूत है और अस्थिरता दूर नहीं हुई है।
जब तक बलूचिस्तान और अन्य प्रभावित इलाकों में ठोस सुरक्षा और विकासात्मक कदम नहीं उठाए जाते, तब तक ऐसी घटनाओं का सिलसिला जारी रह सकता है।
जाफर एक्सप्रेस पर यह हमला न सिर्फ मानवीय क्षति का कारण बना बल्कि पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया तंत्र की कमजोरियों को भी उजागर कर दिया।

