मई 2025 में भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के निशान अब भी किराना हिल्स की ज़मीन पर दर्ज हैं। पाकिस्तान भले ही हमले से इनकार करता रहा, लेकिन गूगल अर्थ की ताज़ा सैटेलाइट तस्वीरों ने इन दावों को झूठा साबित किया है।
इन सैटेलाइट तस्वीरों को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा किया गया, जहाँ किराना हिल्स और सरगोधा एयरबेस पर हमले के प्रभाव स्पष्ट देखे जा सकते हैं। इन तस्वीरों में रनवे और पहाड़ी पर मौजूद बदलावों को विशेषज्ञों ने विस्तार से बताया है।
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सैटेलाइट विशेषज्ञ की पुष्टि: हमले के स्पष्ट संकेत
सेटेलाइट इमेज विश्लेषक डेमियन साइमन ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि हमले का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि सरगोधा एयरबेस पर स्ट्राइक के बाद की मरम्मत कार्य की तस्वीरें भी दिखाई दे रही हैं।
डेमियन ने यह भी बताया कि चित्रों में भूमिगत गतिविधियों के कोई प्रमाण नहीं हैं। उनका मानना है कि यह हमला एक चेतावनी के तौर पर हुआ, यह दिखाने के लिए कि अगर भारत यहाँ तक पहुँच सकता है, तो वह परमाणु सुविधाओं तक भी पहुँच सकता है।
पाकिस्तान ने हमले को नकारा, अब सामने आईं तस्वीरें
पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने हमले के दावों को ‘झूठा और निराधार’ बताया था। विदेश मंत्रालय ने इसे उकसावे की कार्रवाई बताते हुए कहा था कि पाकिस्तानी सेना हर इंच की रक्षा में सक्षम है।
लेकिन गूगल अर्थ की इन सैटेलाइट तस्वीरों ने पाकिस्तानी दावों को झुठला दिया है। तस्वीरें साफ दिखा रही हैं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के निशान अब भी किराना हिल्स और सरगोधा में मौजूद हैं।
क्यों अहम हैं किराना हिल्स और सरगोधा?
किराना हिल्स पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा जिले में स्थित लगभग 80 किलोमीटर लंबी पहाड़ी श्रृंखला है। यहाँ पाकिस्तान ने 1970 के बाद यूरेनियम की खोज और परमाणु परीक्षण की दिशा में कार्य शुरू किया था।

इन पहाड़ियों को पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों के गुप्त अड्डे के रूप में उपयोग करना शुरू किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, 1978–79 से किराना हिल्स में परमाणु परीक्षण से पहले प्रयोग किए गए।
मिसाइल लॉन्चर और परमाणु गोदाम का केंद्र
2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, किराना हिल्स में मिसाइल लॉन्चर रखने के लिए विशेष गैरेज बनाए गए हैं। इन लॉन्चरों में पाकिस्तान की परमाणु मिसाइलें जैसे शाहीन और गौरी रखी जाती हैं। ये लॉन्चर मोबाइल ट्रकों पर तैनात होते हैं, जिन्हें युद्ध की स्थिति में स्थानांतरित भी किया जा सकता है।
सरगोधा का मुशाफ एयरबेस भी पाकिस्तान की सामरिक दृष्टि से अहम जगह है, जहाँ F-16, JF-17 और मिराज जैसे फाइटर जेट्स तैनात हैं। यह भारत की सीमा से मात्र 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि: पहलगाम हमले का जवाब
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसारन घाटी में पाकिस्तानी आतंकियों ने पर्यटकों से धर्म पूछकर निशाना बनाया। हमले में 26 लोगों की मौत हुई, जिनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे।
इस हमले के प्रतिशोध में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया। इसमें आतंकियों के कई ठिकानों के साथ-साथ पाकिस्तान के 11 एयरबेस को भी निशाना बनाया गया।
परमाणु ठिकाने पर हमला? विशेषज्ञों में मतभेद
हमले के बाद विश्लेषकों का दावा था कि भारत ने किराना हिल्स की परमाणु स्टोरेज फैसिलिटी को भी नष्ट किया है। हालांकि, भारतीय वायुसेना के DG ऑपरेशंस ने किसी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमले से इनकार किया था।
इसके बावजूद, जो सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं, वे यह संकेत देती हैं कि किराना हिल्स पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई की गई, जिसका संदेश रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक दोनों स्तरों पर पाकिस्तान को मिला।
किराना हिल्स से परमाणु खतरे की संभावनाएँ
अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स बताती हैं कि अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान को अपने परमाणु मिशन के कई हिस्सों को छुपाना पड़ा था। अब जब भारत द्वारा की गई कार्रवाई का सबूत सामने है, तो यह वैश्विक सुरक्षा चिंताओं को भी जागृत कर रहा है।
विशेषज्ञों की राय में भारत की यह कार्रवाई केवल जवाबी हमला नहीं थी, बल्कि पाकिस्तान को यह संदेश देने की रणनीति थी कि यदि वह आतंकी गतिविधियों से बाज़ नहीं आया, तो भारत उसकी रणनीतिक संपत्तियों को भी निष्क्रिय कर सकता है।
पाकिस्तानी नकार और भारतीय दृढ़ता की सैटेलाइट पुष्टि
किराना हिल्स पर बने निशान, सरगोधा रनवे की मरम्मत, और सोशल मीडिया पर वायरल होती तस्वीरें अब सिर्फ भारत के सैन्य कौशल की नहीं, बल्कि उसकी रणनीतिक सोच की भी पुष्टि करती हैं।
भारत ने जहाँ कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, वहीं तस्वीरें और विश्लेषण इस बात को सार्वजनिक रूप से रेखांकित कर रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर एक सधे हुए सैन्य संदेश का प्रतीक था, जिसे अब दुनिया भी देख रही है।