भारत–रूस रिश्तों में नई मजबूती: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात ने भारत–रूस संबंधों को एक नई गति और दिशा दी है। 7-लोक कल्याण मार्ग पर लगभग तीन घंटे चली यह बातचीत बेहद महत्वपूर्ण रही।
यह मुलाकात उस दौर में हुई है जब वैश्विक परिस्थितियाँ तेजी से बदल रही हैं और ऐसे माहौल में दोनों देशों का एक-दूसरे के साथ खड़ा होना रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है।
इस वार्ता ने न केवल वर्तमान रिश्तों को मजबूत किया, बल्कि भविष्य की साझेदारी के कई नए रास्ते भी खोले हैं।
भारत–रूस रिश्तों में नई मजबूती: भारत–रूस संबंध हमेशा से समय की कसौटी पर खरे उतरे
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि भारत और रूस के संबंध इतिहास में गहराई से जुड़े हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बात केवल शब्दों की नहीं, बल्कि उस असली भावना की है जो इन रिश्तों को मजबूत बनाती है।
पुतिन ने इस मुलाकात को दोस्ताना, सार्थक और सकारात्मक बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच का विश्वास भविष्य में और बड़े कामों की नींव बनेगा।
भारत–रूस संबंध हमेशा से समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान, शिक्षा, संस्कृति और तकनीक जैसे क्षेत्रों में यह साझेदारी लगातार आगे बढ़ती रही है।
रूस भारत को एक भरोसेमंद साझेदार
पुतिन ने भविष्य के सहयोग के लिए कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हाई-टेक सेक्टर, विमानन, अंतरिक्ष विज्ञान, सैन्य-तकनीकी सहयोग और ऊर्जा साझेदारी ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें दोनों देश तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं।
यह दर्शाता है कि रूस भारत को एक भरोसेमंद साझेदार मानता है और दोनों देश मिलकर वैश्विक तकनीकी और वैज्ञानिक विकास में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
भारत की तकनीकी प्रगति और रूस का अनुभव मिलकर आने वाले समय में नई उपलब्धियाँ हासिल कर सकते हैं।
वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के दौरान कहा कि भारत और रूस वैश्विक मुद्दों पर हमेशा खुलकर चर्चा करते हैं। खासकर यूक्रेन संघर्ष को लेकर दोनों नेताओं के बीच लगातार संवाद बना हुआ है।
मोदी ने कहा कि पुतिन हर स्थिति की सच्ची जानकारी उन्हें देते हैं। यह पारदर्शिता दोनों देशों की मजबूत साझेदारी का प्रमाण है।
भारत हमेशा शांति और संवाद का समर्थन करता है, और रूस के साथ यह तालमेल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका को और प्रभावी बनाता है।
दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग
आर्थिक संबंधों को लेकर भी यह मुलाकात महत्वपूर्ण रही। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह बैठक आर्थिक प्रगति के नए अवसर पैदा करेगी।
उनके अनुसार, दोनों देशों की साझेदारी व्यापार और निवेश को नई ऊर्जा देगी, जिससे भविष्य में बड़े परिणाम देखने को मिलेंगे।
भारत और रूस पहले से ही ऊर्जा, कोयला, रक्षा उत्पादन, फार्मा, कृषि और हीरा व्यापार जैसे क्षेत्रों में साथ काम कर रहे हैं।
इस मुलाकात से यह उम्मीद मजबूत हुई है कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और अधिक गहरा होगा।
मोदी ने यह भी बताया कि वह और राष्ट्रपति पुतिन एक-दूसरे को पिछले 25 वर्षों से जानते हैं।
यह व्यक्तिगत भरोसा दोनों देशों की नीतियों और फैसलों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। लंबे समय का यह संबंध आज भारत–रूस साझेदारी को और मजबूत बनाता है।

