India-Pakistan War 2025: भारत द्वारा हाल में किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की आर्थिक और रणनीतिक हालत और भी बिगड़ती नजर आ रही है।
India-Pakistan War 2025: इसकी ताजा मिसाल है, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (PIACL) का प्राइवेटाइजेशन। एक समय पाकिस्तान की शान कही जाने वाली यह राष्ट्रीय एयरलाइन अब बिकने की कगार पर खड़ी है।
PIA के प्राइवेटाइजेशन के लिए बढ़ी डेडलाइन
India-Pakistan War 2025: पाकिस्तान सरकार ने संभावित निवेशकों को PIA में निवेश के लिए और समय दिया है। पहले जहां अंतिम तिथि 3 जून थी, अब उसे बढ़ाकर 19 जून कर दिया गया है।
इस 15 दिन के विस्तार का मकसद है ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को आकर्षित करना और व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करना। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है।
जब देश विदेशी निवेश की उम्मीद में है और घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में देने की रणनीति पर काम कर रहा है।
51% से 100% हिस्सेदारी तक की पेशकश
India-Pakistan War 2025: प्राइवेटाइजेशन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इस बिक्री प्रक्रिया में PIACL की 51 से 100 फीसदी तक की कंट्रोल हिस्सेदारी निजी निवेशकों को दी जा सकती है।
इसके साथ ही प्रबंधन का पूरा अधिकार भी सौंपा जाएगा। अधिकारियों ने साफ किया है कि डेडलाइन में बदलाव के अलावा बाकी शर्तों में कोई फेरबदल नहीं किया गया है। डेडलाइन को ईद उल अजहा के मद्देनज़र बढ़ाया गया है।
IMF की शर्तों के तहत लिया गया कदम
India-Pakistan War 2025: PIA का निजीकरण सिर्फ एक आर्थिक फैसला नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिले विस्तारित निधि सुविधा (EFF) कार्यक्रम के तहत किए जा रहे सुधारों का हिस्सा है।
पाकिस्तान सरकार पर वित्तीय घाटे को कम करने, अक्षम सरकारी उद्यमों को बंद करने और विदेशी निवेश लाने का दबाव है। इसी वजह से PIA जैसे राष्ट्रीय एयरलाइन को भी बेचने का निर्णय लिया गया है।
खरीदारों को लुभाने के लिए दिए जा रहे हैं नए ऑफर
India-Pakistan War 2025: इस्लामाबाद सरकार ने इस सौदे को अधिक आकर्षक बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। जैसे:
नए विमानों पर GST से छूट
PIA के कर्ज को कंपनी की बैलेंस शीट से हटाना
संभावित निवेशकों को ‘नेट-ज़ीरो बैलेंस शीट’ की पेशकश
इस तरह की छूटों का मकसद यह है कि खरीदारों को किसी तरह का वित्तीय बोझ न लगे और वे इस सौदे के लिए आगे आएं।
पहले की असफल कोशिश और अब का नया प्लान
India-Pakistan War 2025: पहले भी PIA को बेचने की कोशिश हुई थी, जिसमें 60 फीसदी शेयर और 15 फीसदी अतिरिक्त ऑफर दिया गया था, लेकिन 45 अरब रुपए की नेगेटिव इक्विटी और विमानों पर 18% GST जैसे कारणों से निवेशक पीछे हट गए।
इस बार योजना को ज्यादा साफ-सुथरे तरीके से पेश किया जा रहा है। EY कंसल्टिंग LLC इस पूरी प्रक्रिया में सरकार की सलाहकार बनी हुई है।
सरकार को इस साल के अंत तक उम्मीद
India-Pakistan War 2025: पाकिस्तान सरकार को उम्मीद है कि 2025 के अंत तक यह पूरा प्राइवेटाइजेशन प्रोसेस पूरा हो जाएगा।
PIA किसी निजी कंपनी के हाथों में सौंप दी जाएगी। यह कदम पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने की आखिरी कोशिशों में से एक माना जा रहा है।