कॉमनवेल्थ गेम्स 2030: स्कॉटलैंड के ग्लासगो में कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स की बोली में भारत ने विजय हासिल कर ली है।
यह बोली कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 के लिए आयोजित की गई थी और इस बोली में भारत का मुकाबला नाइजीरिया के अबुजा से था।
इस विजय को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुशी जाहिर की है।
बता दें कि भारत में इन खेलों का आयोजन अहमदाबाद में होने वाला है और प्रधानमंत्री ने इन ऐसिहासिक खेलों में शामिल होने वाले सभी देशों का स्वागत किया है।
इसी के साथ यह दूसरी बार है जब भारत को इन गेम्स की मेजबानी का मौका मिला है। इसके पहले साल 2010 में यह गेम्स दिल्ली में आयोजित किए गए थे।
क्या है कॉमनवेल्थ गेम्स ?
कॉमनवेल्थ गेम्स 2030: यह एक अंतरराष्ट्रीय बहु-खेल प्रतियोगिता है जिसका आयोजन हर चार साल में होता है।
इन खेलों में राष्ट्रमंडल देशों के एथलीट भाग लेते हैं, और यह राष्ट्रमंडल खेल संघ (CGF) द्वारा आयोजित किया जाता है।
इसकी शुरुआत 1930 में हुई थी, और पहले इसे ‘ब्रिटिश एम्पायर गेम्स’ के नाम से जाना जाता था।
यह दुनिया का पहला वैश्विक खेल आयोजन है जिसमें विकलांग एथलीटों को उनकी राष्ट्रीय टीमों का पूर्ण सदस्य माना जाता है और उनके पदक को देश के कुल पदकों में गिना जाता है।
यह एक अनोखा आयोजन है जो “मैत्रीपूर्ण खेल” के रूप में भी जाना जाता है।
पीएम मोदी ने दी बधाई
कॉमनवेल्थ गेम्स 2030: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी मिलने पर अत्यंत खुशी जाहिर की है।
पीएम ने कहा कि भारत दुनिया के खिलाड़ियों का स्वागत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना के साथ करने के लिए तैयार हैं।
भारत के लोगों और हमारे खेल स्पोर्टिंग इकोसिस्टम को हार्दिक बधाई।
यह हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता और खेल भावना की शक्ति है, जिसने भारत को वैश्विक खेल मानचित्र पर मजबूती से स्थापित किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री की रही ये प्रतिक्रिया
कॉमनवेल्थ गेम्स 2030: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर कहा, अहमदाबाद में 2030 के कॉमनवेल्थ खेलों की प्रतिष्ठित मेजबानी के लिए भारत की ओर से बोली जीतने पर सभी नागरिकों को बधाई।
यह हमारे भारत को एक वैश्विक खेल केंद्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का प्रमाण है।
एक दशक से भी अधिक की कड़ी मेहनत के बाद पीएम मोदी ने विश्व स्तरीय खेल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया है और प्रभावी सरकार और टीम वर्क के माध्यम से हमारे देश की क्षमता को बढ़ाया है।
खेल मंत्री ने बताया गौरव का क्षण
कॉमनवेल्थ गेम्स 2030: खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि अहमदाबाद को 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी का अधिकार देने का निर्णय भारत के लिए गौरव का क्षण है।
क्योंकि देश 2047 तक खेलों में महाशक्ति बनने का प्रयास कर रहा है।
राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यकारी बोर्ड की ओर से अहमदाबाद को प्रस्तावित मेजबान के रूप में अनुशंसित किए जाने के बाद 74 सदस्यों वाली आम सभा ने भारत की बोली पर अपनी मुहर लगा दी।
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट का बयान
कॉमनवेल्थ गेम्स 2030: यह राष्ट्रमंडल खेल आंदोलन के भविष्य के लिए एक निर्णायक क्षण होगा और इसके 100 साल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ेगा।
भारत ने 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी पर लगभग 70,000 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जो शुरुआती अनुमान 1600 करोड़ रुपये से कहीं अधिक था।
सरदार वल्लभभाई पटेल खेल परिसर को किया जा रहा तैयार
कॉमनवेल्थ गेम्स 2030: सरदार वल्लभभाई पटेल खेल परिसर उन प्रमुख स्थलों में से एक है, जिसको इन खेलों के लिए तैयार किया जा रहा है।
इनमें एक लाख से अधिक दर्शकों की क्षमता वाला नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम भी शामिल है।
इसके अलावा इस परिसर में एक जलक्रीड़ा केंद्र और एक फुटबॉल स्टेडियम के साथ-साथ इनडोर खेलों के लिए दो मैदान भी होंगे।
इस परिसर के अंदर 3000 लोगों के रहने की क्षमता वाला खेल गांव भी बनाया जाएगा।
कौन-कौन से खेल होंगे शामिल
कॉमनवेल्थ गेम्स 2030: एथलेटिक्स और पैराएथलेटिक्स, स्विमिंग और पैरास्विमिंग, टेबल टेनिस और पैरा टेबल टेनिस, बाउल्स और पैरा बाउल्स, वेटलिफ्टिंग और पैरा पावरलिफ्टिंग, आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक्स, नेटबाल और मुक्केबाजी।
अहमदाबाद को क्यों चुना गया?
कॉमनवेल्थ गेम्स 2030: विश्व-स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर– नरेंद्र मोदी स्टेडियम जैसे विशाल प्रतिष्ठान, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, त्वरित ट्रांसपोर्ट नेटवर्क (मेट्रो, एक्सप्रेसवे), अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की सुविधा।
गुजरात सरकार की मजबूत तैयारी– राज्य ने एक विस्तृत “स्पोर्ट्स सिटी” अवधारणा और Games Village की योजना पहले ही तैयार कर रखी थी।
सरकारी एजेंसियों ने कॉमनवेल्थ समिति को शहर की प्रस्तुतियों के माध्यम से यह महसूस कराया कि अहमदाबाद एक “आदर्श और तैयार” शहर है।
भारत की खेल नीति की नई दिशा– भारत की नई खेल नीति में बड़े टूर्नामेंट लाना, स्थानीय प्रतिभाओं को निखारना, खेल को उद्योग के रूप में विकसित करना आदि जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्य रखे गए हैं। अहमदाबाद की मेजबानी इसी दिशा का हिस्सा है।

