Sunday, June 1, 2025

Colombia Tour: शशि थरूर के गुस्से के बाद कोलंबिया को वापस लेना पड़ा बयान, की थी पाकिस्तान की तरफदारी

Shashi Tharoor in Colombia: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने दुनियाभर में अपने  प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं, ताकि पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर अलग-थलग किया जा सके।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

इन्हीं में से कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में गया सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कोलंबिया की यात्रा पर है। कोलंबिया की सरकार ने पाकिस्तान में मारे गए आतंकवादियों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई थी, जिस पर शशि थरूर ने नाराजगी जता कर वहां की सरकार को आईना दिखाया।

शशि थरूर ने कहा था, “हम कोलंबियाई सरकार की प्रतिक्रिया से थोड़े निराश हैं, जिसने आतंकवाद के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति दिखाने के बजाय भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान में हुई जानमाल की हानि पर संवेदना व्यक्त की।” शशि थरूर की नाराजगी के बाद कोलंबिया की सरकार ने अपना बयान वापस ले लिया।

और क्या-क्या बोले शशि थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और सीनेट के दूसरे आयोग के सदस्यों के साथ प्रतिनिधिमंडल ने बैठक की। इस दौरान शशि थरूर ने कहा, “हमें अभी भी महात्मा गांधी की भूमि से होने पर गर्व है।

उन्होंने हमें अहिंसा और शांति का महत्व सिखाया और हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के संघर्ष का नेतृत्व भी किया और उन्होंने हमें अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने और भय से मुक्ति का महत्व सिखाया। हम स्वतंत्र रहेंगे और हम भय में नहीं रहेंगे।

हम ताकत के साथ रहेंगे और यही हम चाहते हैं कि आप (कोलंबिया) समझें।” शशि थरूर ने कहा, ‘हमने विदेश मंत्रालय के सदस्यों से मुलाकात की, जहां उप मंत्री ने हमारा स्वागत किया। हमारे पास कुछ अच्छी खबर है कि उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया है, जिसे लेकर पहले हमें निराशा हुई थी।

डेलीगेशन भेजने के पीछे का मकसद क्या?

दरअसल भारतीय डेलीगेशन को दुनियाभर में भेजने के पीछे का मकसद है पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर अलग-थलग करना। भारतीय डेलीगेशन आतंकवाद के मुद्दे पर दुनियाभर में पाकिस्तान की पोल खोल रहा है ताकि पाकिस्तान को समर्थन ना मिले।

साथ ही पाकिस्तान को वापस FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाए, ताकि पाकिस्तान को फंड्स ना मिले और मिले भी तो उसपर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी हो, ताकि पाकिस्तान आतंकवाद का वित्तपोषण ना कर सके। साथ ही आतंकवाद के मामले पर पाकिस्तान पर लगाम लगाई जा सके।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article