पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के तेलिनीपाड़ा इलाके में दीपावली की खुशियाँ अचानक मातम में बदल गईं, जब दलित बस्ती पर जिहादी तत्वों ने तलवारों से हमला कर दिया।
पटाखों और दीपों की चमक के बीच इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह हमला पूरी तरह से योजनाबद्ध था, जिसमें दर्जनों युवक हथियारों से लैस होकर आए थे।
बीजेपी ने ममता सरकार पर बोला तीखा हमला
हमले के बाद पश्चिम बंगाल बीजेपी इकाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वीडियो शेयर करते हुए राज्य सरकार को घेरा।
बीजेपी ने लिखा कि “देश विरोधी ममता के राज में जिहादियों को पूरी आज़ादी है! अब आप पश्चिम बंगाल में वही अनुभव कर सकते हैं जो बांग्लादेशी हिंदू करते हैं!”
बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह कोई एकलौता मामला नहीं, बल्कि राज्य में लगातार हिंदुओं और दलितों पर सांप्रदायिक हमले बढ़ते जा रहे हैं, और प्रशासन जानबूझकर मौन बना हुआ है।
RSS कार्यकर्ता पर हमला, पुलिस पर सवाल
बीजेपी ने दावा किया कि हमलावरों ने एक RSS कार्यकर्ता पर भी हमला किया, जिसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस को समय पर सूचना देने के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई। बीजेपी ने कहा —
“हमलावरों के नाम सामने आने के बाद पुलिस ने चुप रहना ही उचित समझा।”
इस बयान ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।
“बंगाल को पश्चिमी बांग्लादेश बनने से कोई नहीं रोक सकता”, बीजेपी
बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उनके शासन में राज्य का माहौल लगातार धार्मिक असहिष्णुता और तुष्टिकरण की राजनीति से प्रभावित हो रहा है।
पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि “ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल को ‘पश्चिमी बांग्लादेश’ में बदलने में अब ज़्यादा वक्त नहीं लगेगा।”
बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार के संरक्षण में कट्टरपंथियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब वे खुलेआम हथियार लेकर हिंदू इलाकों में दहशत फैलाने लगे हैं।
विपक्ष ने उठाया कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल
इस घटना ने एक बार फिर बंगाल की कानून-व्यवस्था और साम्प्रदायिक सौहार्द पर बहस छेड़ दी है।
विपक्षी दलों का कहना है कि राज्य में पुलिस और प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम कर रहे हैं, जिससे आम जनता असुरक्षित महसूस कर रही है।
क्या बंगाल में बढ़ रहा है सांप्रदायिक तनाव?
बीते कुछ महीनों में रामनवमी, दुर्गापूजा और अब दीपावली जैसे धार्मिक आयोजनों के दौरान हिंसा और टकराव की घटनाएँ लगातार बढ़ी हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस पर तुरंत और सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो राज्य में हालात और बिगड़ सकते हैं।

