कोलकाता में मिली आधार कार्डों की गुत्थी: कोलकाता के साल्ट लेक इलाके में रविवार की सुबह अचानक उस समय हलचल मच गई जब स्थानीय लोगों को एक पार्क के पास दर्जनों आधार कार्ड फेंके हुए दिखाई दिए।
सुबह सैर पर निकले लोगों ने जब फुटपाथ पर पड़े इन कार्डों को देखा तो तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) का दौर चल रहा है, ऐसे समय में आधार कार्डों का इस तरह मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है।
अलग-अलग राज्यों के आधार कार्ड
कोलकाता में मिली आधार कार्डों की गुत्थी: सूत्रों के मुताबिक, बरामद कार्ड केवल बंगाल के नहीं थे, बल्कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों के पते इन कार्डों पर दर्ज पाए गए। ये कार्ड साल्ट लेक के डीए और सीए ब्लॉक के बीच स्थित एक मैदान के किनारे पड़े मिले।
एक अधिकारी ने बताया कि, “इस तरह दूसरे राज्यों के आधार कार्ड कोलकाता की सड़कों पर मिलना बेहद असामान्य है। यह कैसे यहां पहुंचे, इसकी पूरी पड़ताल की जा रही है।”
प्रत्यक्षदर्शियों की बातें
एक महिला, जो रोज सुबह टहलने आती हैं, ने कहा कि उन्होंने पहले कभी ऐसा दृश्य नहीं देखा। उन्होंने अंदेशा जताया कि SIR प्रक्रिया के चलते शायद कई लोगों ने पुराने या रद्दी हो चुके कार्डों को फेंक दिया हो।
एक अन्य व्यक्ति, जो अपने बच्चे को क्रिकेट कोचिंग के बाद पार्क लाता है, ने कहा कि यह पहला मौका है जब उसने यहां इस तरह पहचान संबंधी दस्तावेज बिखरे हुए देखे। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सभी कार्ड कब्जे में ले लिए।
सीसीटीवी और कॉल ट्रेसिंग से मिल सकते हैं सुराग
कोलकाता में मिली आधार कार्डों की गुत्थी: बिधाननगर पुलिस अब आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि यह पता लग सके कि कार्ड यहां किसने छोड़े। इसके अलावा, कार्डों पर दर्ज मोबाइल नंबरों पर भी संपर्क कर यह पता लगाया जाएगा कि ये कार्ड खोए हुए हैं या फिर किसी और उद्देश्य से यहां फेंके गए।
कुछ दिन पहले बर्दवान में भी मिले थे सैकड़ों कार्ड
ये कोई पहला मामला नहीं है। कुछ ही सप्ताह पहले पूर्वी बर्दवान के पूरबस्थली इलाके के एक तालाब से सैकड़ों आधार कार्ड बरामद हुए थे। यह कार्ड तालाब की सफाई के दौरान मिले थे। उस घटना ने भी राजनीतिक माहौल में तीखी प्रतिक्रियाएँ पैदा कर दी थीं।
बीजेपी ने लगाए गंभीर आरोप
नए घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में नकली दस्तावेजों का नेटवर्क गहराई तक फैला हुआ है। उनका कहना है कि अवैध घुसपैठ को सुविधाजनक बनाने के लिए फर्जी आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “बांग्लादेश से घुसपैठिए पहले पश्चिम बंगाल में आते हैं और फिर बाकी राज्यों में फैल जाते हैं। SIR शुरू होने के बाद उन्हें डर हुआ कि नकली दस्तावेज पकड़े जाएंगे, इसलिए उन्होंने कार्ड फेंककर भागना बेहतर समझा। दूसरे राज्यों के आधार कार्ड कोलकाता में मिलना इसी बात का सबूत है।”
कोलकाता में मिली आधार कार्डों की गुत्थी: कई रहस्य, कम जवाब
कोलकाता में मिली आधार कार्डों की गुत्थी: अलग-अलग राज्यों के आधार कार्डों का अचानक कोलकाता में मिलना यह संकेत देता है कि या तो किसी बड़े फर्जीवाड़े का हिस्सा ये दस्तावेज हैं, या फिर किसी संगठित रैकेट ने इन्हें यहां फेंका है।
पुलिस अब पूरे मामले को लेकर तकनीकी जांच, फुटेज विश्लेषण और कार्ड धारकों से पूछताछ कर सुराग तलाश रही है।

