सोशल मीडिया और जेन Z: हाल ही में नेपाल की सरकार ने सोशल मीडिया बैन करने का नियम जारी किया था, जिसकी वजह से युवा भड़क उठे और विरोध प्रदर्शन करने लगे। इसी से पता चलता है की जेन Z के लिए सोशल मीडिया सिर्फ़ एक मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि उनकी पहचान और जीवन का एक हिस्सा है।
सोशल मीडिया उनके लिए ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ वे अपनी सोच, रचनात्मकता, राय और अनुभव दुनिया तक पहुँचा सकते हैं। यहाँ वो समान रुचि वाले लोगों से जुड़कर एक नेटवर्क तैयार करते हैं।
इंस्टाग्राम, यूट्यूब और लिंक्डइन जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स पर अपना हुनर दिखाकर करियर बना सकते हैं। इस आर्टिकल में जानेंगे कि जेन Z कौन हैं और सोशल मीडिया उनके लिए क्या मायने रखता है।
Table of Contents
कौन हैं जेनरेशन Z (जेन Z)?
सोशल मीडिया और जेन Z : जेनरेशन Z, जिन्हें शॉर्ट में जेन Z कहा जाता है, उनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ है। आज इनकी उम्र 13 से 28 साल के बीच है। यह पीढ़ी डिजिटल युग में पली-बढ़ी है, इसलिए इन्हें अक्सर डिजिटल नेटिव्स भी कहा जाता है।
बचपन से ही इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया इनकी ज़िंदगी का हिस्सा रहे हैं। यह पीढ़ी बदलाव, रचनात्मकता और तकनीक की तेज़ रफ़्तार का प्रतीक है, जो आने वाले समय की सोच और समाज को नई दिशा दे रही है।
सोशल मीडिया और जेन Z: स्लैंग लैंग्वेज इनकी पहचान
सोशल मीडिया और जेन Z : स्लैंग लैंग्वेज, जिसे जेन Z की भाषा कहा जाता है, अब सोशल मीडिया के साथ-साथ रोज़ाना की बोलचाल में भी शामिल हो चुकी है।
आजकल इस भाषा का प्रयोग हर कोई खुद को कूल दिखाने के लिए करता है।
इस भाषा का असर हर किसी पर देखा जा सकता है। हालाँकि, औपचारिक या महत्वपूर्ण बातचीत में इसका प्रयोग ज़्यादा नहीं किया जाता।
स्लैंग शब्द ट्रेंड के साथ आते और चले जाते हैं। कॉलेज स्टूडेंट्स, सोशल मीडिया यूज़र्स और गेमर्स की अपनी अलग भाषा होती है।
यह युवाओं की पहचान और जुड़ाव का हिस्सा भी मानी जाती है।
जैसे: Lit – शानदार, Ghost – अचानक गायब हो जाना, Flex – दिखावा करना, Vibe – माहौल। ये कुछ ऐसे शब्द हैं जिनका आजकल के युवा ज़्यादातर इस्तेमाल करते हैं।
जेन Z के लिए सोशल मीडिया का महत्व
सोशल मीडिया और जेन Z : जेनरेशन Z के लिए सोशल मीडिया सिर्फ़ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि पहचान, करियर, जागरूकता और बदलाव की दिशा तय करने वाला एक शक्तिशाली मंच है। सोशल मीडिया इनके लिए अपनी सोच, विचार और रचनात्मकता को दुनिया तक पहुँचाने का सबसे आसान और प्रभावी माध्यम है।
ट्रेडिशनल मीडिया से पहले यह पीढ़ी सोशल मीडिया पर ही ताज़ा ख़बरें, अपडेट और ज्ञान प्राप्त करती है।
समान रुचि वाले ग्रुप से जुड़ना, नए दोस्त बनाना और नेटवर्क तैयार करना सब सोशल मीडिया पर संभव है।
इंस्टाग्राम, यूट्यूब, लिंक्डइन जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर जेन Z अपनी प्रतिभा दिखाकर न सिर्फ़ पहचान बना रही है, बल्कि आर्थिक स्वतंत्रता भी हासिल कर रही है।
क्लाइमेट चेंज, मेंटल हेल्थ, इक्वलिटी और सोशल जस्टिस जैसे मुद्दों पर यह पीढ़ी सोशल मीडिया के माध्यम से मुखर होकर आवाज़ उठाती है।
पढ़ाई के साथ-साथ एंटरटेनमेंट, शॉपिंग और नई चीज़ें सीखने तक, सोशल मीडिया इनके रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका
नेपाल में सोशल मीडिया बैन से भड़के जेन Z
सोशल मीडिया और जेन Z : नेपाल सरकार ने “Directives for Managing the Use of Social Networks, 2023” नामक नियम जारी किया था, जिसके अंतर्गत सभी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स को सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन करवाना ज़रूरी किया गया।
4 सितंबर 2025 को सरकार ने 26 प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया जो इस रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाए थे — इनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, यूट्यूब, X आदि शामिल थे।
युवाओं में पहले से ही भ्रष्टाचार, नौकरियों की कमी, सामाजिक असमानता और राजनीतिक पारदर्शिता की कमी को लेकर नाराज़गी थी। इसी दौरान एक सोशल मीडिया ट्रेंड “Nepo Kid” या “Nepo Baby” वायरल हुआ, जिसमें राजनीतिक नेताओं के बच्चों की लग्ज़री लाइफ़स्टाइल और उनके विशेषाधिकारों को उजागर किया गया। इस ट्रेंड ने युवाओं के असंतोष को और हवा दी।
सोशल मीडिया बैन ने जेन Z को झकझोर कर रख दिया क्योंकि ये प्लेटफ़ॉर्म्स उनकी अभिव्यक्ति, सूचना और संवाद के अहम स्रोत थे। नतीजतन युवा सड़कों पर उतरे, विरोध प्रदर्शन हुए और सुरक्षा बलों तथा पुलिस के साथ झड़पें हुईं।
इन झड़पों में कई लोगों की मौत हुई और सैकड़ों घायल हुए। लेकिन अंत में सरकार को बैन हटाना पड़ा, कुछ मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दिया, जाँच समितिया बनाई गईं और जनता का दबाव भी बढ़ता गया।