Thursday, September 19, 2024

Agniveer Bharti 2024: सेना में अग्निवीर की सैलरी कितनी होती है, शहीद होने पर कितना मिलता है मुआवजा, क्यों है ये चर्चा में, जानें सब

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Agniveer Bharti 2024: संसद भवन में सोमवार (1जुलाई) को जबरदस्त घमासान देखने को मिला। इस दौरान अग्निवीर को लेकर भी खूब बवाल मचा जिसके चलते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि सेवा के दौरान अग्निवीर जवान की मृत्यु होने पर उसके परिवार को एक करोड़ रुपये तक का मुआवजा दिया जाता है। आइए जानते हैं अग्निवीर क्या है , इसकी सैलरी कितनी है और मृत्यु होने या अपंगता का शिकार होने पर मिलने वाले मुआवजे के बारे में।

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अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेनाओं में भर्ती अग्निवीरों कि अवधी चार साल कि होती है।अग्निवीर को लेकर सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के दिए गए बयान के बाद जबर्दस्त घमासान हुआ। उन्होंने इस योजना पर कई सवाल उठाये। जिसके जवाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले अग्निवीरों के परिवार को सरकार एक करोड़ रुपये तक का मुआवजा देती है। आइये आअज इस योजना के बारे में संक्षेप से जानते हैं।

भारतीय नौसेना, थल सेना और वायु सेना में अग्निपथ स्कीम तहत अग्निवीरों को ट्रेनिंग सहित चार साल की अवधी के लिए सेना में भर्ती किया जाता है। चार साल बाद 25 फीसदी अग्निवीरों को सेना में स्थायी तौर पर भर्ती कर लिया जाता है।

अग्निवीर जवानों का वेतन कितना होता है ?

अग्निवीरों को पहले साल लगभग 4.76 लाख का सालाना पैकेज मिलता है। चौथे साल में लगभग 6.92 लाख का इन्क्रीमेंट होता है। हर अग्निवीर को अपने मासिक वेतन का 30 फीसदी योगदान सेवा निधि के रूप में देना होता है और इतनी ही राशि का योगदान सरकार द्वारा भी किया जाता है। इन चार सालों में अग्निवीरों के वेतन बढ़ता है। आइये देखते है कि ये बढ़त कितनी होती है।

 

 

 

 

 

 

 

मासिक वेतन

पहले साल – 30,000 रुपये
दूसरे साल – 33,000 रुपये
तीसरे साल – 36,500 रुपये
चौथे साल – 40,000 रुपये

इस सैलरी में से 30 फीसदी सेवा निधि के रूप में सेना और साकार दोनों की तरफ से लिया जाता है। यानी जब 30 हजार सैलरी होगी तो इसमें से 21 हजार 900 रुपये अग्निवीर के खाते में आएंगे।दूसरी साल (इनहैंड) 23100 रुपये, वहीं तीसरे साल 25550 और चौथे साल 28000 रुपये अग्निवीर के सैलरी अकाउंट में आएंगे।

अग्निवीर जब शहीद होते हैं तो उन्हें कितना मुआवजा मिलता है ?

हर अग्निवीर का 48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर होता है। सेवा के दौरान मृत्यु होने पर 44 लाख रुपये तक दिए जाते हैं। साथ ही सेवा निधि के रूप में जमा धनराशि भी परिवार को मिल जाती है।

सरकार की तरफ से अग्निवीर को दिए जाने वाले फंड्स

4 साल के कार्यकाल में अगर कोई अपघटना होती है तो उसके परिवार को इंश्योरेंस के पैसे के अलावा बाक़ी बचे साल की ड्यूटी की तनख़्वाह दी जाती है। और इसके अलावा और भी कई policies हैं जिनके लाभ अग्निवीर को मिलते हैं। आइये इन पर भी नजर डालते हैं।

– इंश्योरेंस- 48 लाख रुपये तक
– अंतिम संस्कार के लिए -9000 रुपये
– आर्मी वुमेन वेल्फेयर असोसिएशन- 30,000 रुपये ,
– एक्सग्रेशिया- 44 लाख रुपये
– आर्मी सेंट्रल वेलफयर फंड–8 लाख रुपये

जिन बैंक में अग्निवीरों का सैलरी अकाउंट होते हैं उन सभी बैंक से सेना ने MoU साइन किया जाता है जिसके चलते अग्निवीरों को बैंक से भी लाइन ऑफ़ ड्यूटी पर शहीद होने पर फ्री insurance मिलता है। बाद में इसे उनके परिवारजनों को दे दिया जाता है। अलग-अलग राज्यों की तरफ से भी शहीदों के परिजनों सरकार कि तरफ से कुछ मुआवजा दिया जाता है।

सेवा के दौरान दिव्यांग होने पर भी मिलेगा मुआवजा

अग्निवीर अगर सेवा के दौरान अपंगता का शिकार हो जाता है तो चिकित्सा अधिकारियों द्वारा निर्धारित दिव्यांगता के प्रतिशत के आधार पर उन्हें मुआवजा दिया जाता है।

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