I Love Muhammad ट्रेंड: ‘I Love Muhammad’ के नाम पर पूरे देश में अराजकता फैली हुई है। कानपुर से लेकर बरेली, काशीपुर और गोधरा तक कट्टरपंथियों की भीड़ सड़कों पर उतर आई।
कहीं पुलिस पर पथराव हुआ, कहीं खुलेआम ‘सर तन से जुदा’ जैसे नारे लगाए गए। गोधरा में तो भीड़ ने थाने में घुसकर खिड़कियाँ तोड़ीं और पुलिसवालों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
बरेली में इंस्पेक्टर को मुस्लिम भीड़ ने जान से मारने की धमकी दी
I Love Muhammad ट्रेंड: 19 सितंबर को जुमे की नमाज़ के बाद बरेली में ‘I Love Muhammad’ पोस्टर लगाए गए।
पुलिस ने इन्हें कानून-व्यवस्था के लिहाज से हटवाया तो अगले दिन फिर वही पोस्टर लगाए जाने लगे। जब पुलिस कार्रवाई करने पहुँची, तो भीड़ ने घेराबंदी कर ली और IMC नेता डॉ. नफ़ीस खान को बुला लिया।
नफ़ीस ने मौके पर इंस्पेक्टर को धमकाते हुए कहा, “तेरे हाथ काट लूँगा, तेरी वर्दी उतरवा दूँगा।” यह वीडियो वायरल होने के बाद उन पर मुकदमा दर्ज किया गया।
उत्तराखंड और यूपी में पत्थरबाज़ी
I Love Muhammad ट्रेंड: उत्तराखंड के काशीपुर में जुलूस के दौरान हिंसा भड़क उठी। पुलिसकर्मियों को पीटा गया और सरकारी गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई।
यूपी के उन्नाव और कन्नौज में भी हालात बेकाबू रहे। बिना अनुमति के निकले जुलूस में कट्टरपंथियों ने पुलिस पर हमला किया और ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए।
उन्नाव के इंस्पेक्टर की वर्दी तक फाड़ दी गई।
गुजरात का गोधरा भी सुलगा
I Love Muhammad ट्रेंड: गोधरा में सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वाले एक इन्फ्लुएंसर को पुलिस थाने बुलाया गया।
लेकिन उसे छुड़ाने के लिए भीड़ ने थाने पर धावा बोल दिया, फर्नीचर और खिड़कियाँ तोड़ डालीं।
पुलिस को लाठीचार्ज और आँसू गैस के सहारे भीड़ पर काबू पाना पड़ा।
नेताओं की बयानबाज़ी ने डाली आग में घी
“I Love Muhammad” ट्रेंड: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और IMC अध्यक्ष तौकीर रज़ा ने बयानों से माहौल और बिगाड़ दिया।
ओवैसी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अगर ‘I Love Muhammad’ लिखना जुर्म है तो वह इसकी हर सज़ा मंज़ूर करेंगे।
वहीं तौकीर रज़ा ने मुसलमानों को सड़कों पर उतरने की धमकी दी। इसके बाद हिंसक प्रदर्शन और तेज़ हो गए।
कानपुर विवाद की असली कहानी
I Love Muhammad ट्रेंड: सोशल मीडिया पर यह झूठ फैलाया गया कि कानपुर में सिर्फ ‘I Love Muhammad’ पोस्टर लगाने पर FIR हुई।
लेकिन सच्चाई कुछ और है। 5 सितंबर को बारावफात के जुलूस में मुस्लिम युवकों ने हिंदुओं के धार्मिक पोस्टर फाड़ दिए थे।
FIR इन्हीं युवकों पर दर्ज हुई। यानी मामला महज़ एक बैनर का नहीं, बल्कि धार्मिक पोस्टरों को फाड़ने का था।
इसके बावजूद एक वर्ग को भड़काकर सड़कों पर अराजकता फैलाने का काम किया गया।