Varanasi: वाराणसी के आदमपुर इलाके में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। एक 12 साल की मासूम बच्ची को अगवा करके जबरन उसका धर्म बदलवाया गया और शादी करा दी गई। इस गंभीर मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
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Varanasi: क्या हुआ था तीन महीने पहले
तीन महीने पहले नंदू मौर्य नाम के एक पिता की 12 साल की बेटी को निहाल नाम का लड़का जबरन उठा ले गया था। यह सिर्फ अगवा करने की घटना नहीं थी, बल्कि पूरी साजिश के तहत किया गया काम था। निहाल के परिवार का मकसद था कि इस बच्ची का धर्म बदलवाकर उससे शादी करा दी जाए।
जब नंदू मौर्य अपनी बेटी को वापस लेने गए तो उन्हें धमकाया गया। निहाल के पिता शरीफ उर्फ राजू, चाचा लालू और अन्य लोगों ने नंदू पर हमला किया। उन्होंने साफ कह दिया कि अब यह लड़की उनके मजहब की हो गई है और उसकी शादी हो चुकी है। उन्होंने नंदू को जान से मारने की धमकी भी दी।
पिता की मजबूरी और संघर्ष
नंदू मौर्य ने बताया कि उन्होंने तीन महीने तक थाने के चक्कर लगाए। वे बार-बार पुलिस के पास गए लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। एक बाप की तड़प को कोई समझने को तैयार नहीं था। अपनी मासूम बेटी को वापस पाने के लिए वे हर दरवाजा खटखटाते रहे।
थक-हारकर आखिर में उन्होंने पुलिस कमिश्नर को सीधे शिकायत दी। सिर्फ तब जाकर इस मामले में कार्रवाई शुरू हुई। यह दिखाता है कि कभी-कभी आम आदमी को न्याय पाने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता है।
मौलवी का अपराध स्वीकार
जब पुलिस ने कार्रवाई की तो सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें निहाल, उसके मां-बाप, चाचा और सबसे अहम बात यह कि मौलवी मोहम्मद हसीन भी शामिल था। यही मौलवी था जिसने इस 12 साल की बच्ची का निकाह कराया था।
थाने में पूछताछ के दौरान मौलवी ने अपना गुनाह कबूल किया। उसने माना कि उसने एक नाबालिग बच्ची का निकाह कराया था। उसने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी भी मांगी। लेकिन अब माफी मांगने से क्या होता है, जब एक मासूम बच्ची की जिंदगी बर्बाद हो चुकी थी।
पुलिस की कार्रवाई
एसीपी प्रज्ञा पाठक ने बताया कि जैसे ही पुलिस कमिश्नर को शिकायत मिली, तुरंत एफआईआर दर्ज की गई। एक खास टीम बनाकर बच्ची को ढूंढने का काम शुरू किया गया। टीम की मेहनत रंग लाई और बच्ची को बरामद कर लिया गया।
पूछताछ में साफ हो गया कि यह पूरी साजिश थी। निहाल के परिवार ने मिलकर इस बच्ची का जबरन धर्म परिवर्तन कराया था और फिर उससे शादी करा दी थी।
कानूनी कार्रवाई
सभी पांच आरोपियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश के धर्म परिवर्तन रोकने वाले कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा अन्य कई गंभीर धाराओं के तहत भी कार्रवाई की गई है।