Friday, December 26, 2025

वंदे मातरम् पर जानें किन नेताओं ने जताई आपत्ति, विपक्ष करता है अपमान- शाह

संसद के शीतकालीन सत्र में वंदे मातरम को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान लगातार गहराता जा रहा है।

राज्यसभा में मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने वंदे मातरम् पर विस्तृत चर्चा शुरू की और उन घटनाओं की सूची सदन के सामने रखी, जिनमें कई विपक्षी नेताओं ने इस गीत को गाने से इनकार किया था या इसके प्रति आपत्ति दर्ज कराई थी।

शाह ने आरोप लगाया कि वंदे मातरम् का विरोध नई बात नहीं है, बल्कि यह कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की पुरानी सोच का हिस्सा रहा है।

वंदे मातरम् पर इन नेताओं ने जताई आपत्ति

गृह मंत्री की ओर से सदन में रखी गई सूची में हाल ही में सुर्खियों में आए और पूर्व में विवादों में रहे कई नाम शामिल थे।

इस सूची में कांग्रेस सांसद इमरान मसूद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता आगा सैयद, समाजवादी पार्टी के जियाउर्रहमान बर्क, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद, कांग्रेस सांसद सिद्धारमैया और आरजेडी के विधायक सऊद आलम के नाम प्रमुख रूप से दर्ज किए गए।

अमित शाह ने कहा कि इन नेताओं के बयानों और व्यवहार के प्रमाण के तौर पर यूट्यूब लिंक और मीडिया रिपोर्ट्स भी दस्तावेज के साथ संलग्न किए गए हैं।

उन्होंने सदन को यह भी बताया कि आरोपों के अनुसार 8 दिसंबर 2025 को कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने धार्मिक कारणों का हवाला देते हुए वंदे मातरम गाना अस्वीकार कर दिया था।

उनके अनुसार, इस तरह की घटनाएं यह दिखाती हैं कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की विचारधारा में देशभक्ति के इस प्रतीक गीत के प्रति सम्मान की कमी लगातार बनी रही है।

1937 में जब वंदे मातरम् की स्वर्ण जयंती आई..

राज्यसभा में बोलते हुए अमित शाह ने वंदे मातरम् के इतिहास का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि यह वर्ष वंदे मातरम् का 150वां साल है और किसी भी महान रचना का यह पड़ाव उत्सव का होना चाहिए।

उन्होंने याद दिलाया कि 1937 में जब वंदे मातरम् की स्वर्ण जयंती आई, तब देश आजाद भी नहीं हुआ था, लेकिन उसी समय कांग्रेस नेता जवाहरलाल नेहरू ने वंदे मातरम् के दो हिस्से किए और इसे केवल दो अंतरों तक सीमित कर दिया।

अमित शाह ने दावा किया कि यहीं से तुष्टीकरण की नीति की शुरुआत हुई और बाद में उसी मानसिकता ने देश के विभाजन तक का रास्ता खोल दिया।

उन्होंने कहा कि उनके विचार से अगर कांग्रेस उस समय वंदे मातरम को सीमित न करती और उसके मुकाबले किसी एक वर्ग को खुश करने की नीति न अपनाती, तो शायद इतिहास अलग होता।

शाह के इन आरोपों पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई और सदन में विरोध दर्ज कराया।

कांग्रेस ने संसद में वंदे मातरम् के गान को बंद करवाया

अमित शाह ने अपना तर्क मजबूती से रखते हुए महात्मा गांधी, बिपिन चंद्र पाल और वीर सावरकर जैसे नेताओं के विचार भी याद दिलाए।

उन्होंने कहा कि गांधीजी ने वंदे मातरमd को राष्ट्र की पवित्र आत्मा का प्रतीक बताया था, जबकि बिपिन चंद्र पाल ने इसे देशभक्ति और कर्तव्य दोनों की अभिव्यक्ति कहा था।

शाह ने यह भी याद दिलाया कि श्यामजी कृष्ण वर्मा, मैडम भीकाजी कामा और वीर सावरकर द्वारा बनाए गए भारत के ऐतिहासिक ध्वज पर भी ‘वंदे मातरम्’ स्वर्ण अक्षरों में लिखा था।

गृह मंत्री ने सदन को एक रोचक ऐतिहासिक तथ्य भी बताया कि 1936 के बर्लिन ओलंपिक में जब भारतीय हॉकी टीम को प्रेरणा की जरूरत थी,

तब टीम के कोच ने खिलाड़ियों से वंदे मातरम् का गान करवाया था और उसी जोश के साथ भारत ने स्वर्ण पदक जीता था।

अमित शाह ने आगे आरोप लगाया कि स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने संसद में वंदे मातरम के गान को बंद करवा दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 1992 में भाजपा के राम नाइक ने संसद में फिर से वंदे मातरम गाए जाने की मांग उठाई थी।

उस समय नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने लोकसभा स्पीकर से अपील की कि यह गीत संविधान सभा द्वारा स्वीकार किया गया है, इसलिए इसे सदन में गाना चाहिए। बाद में लोकसभा ने सर्वसम्मति से इसे स्वीकार किया।

विपक्ष करता है अपमान

गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा के किसी भी सांसद के लिए वंदे मातरम् के गान के समय सम्मान से खड़ा न होना असंभव है,

लेकिन विपक्ष के कई नेता इस समय सदन से बाहर चले जाते हैं या इसे गाने से साफ इनकार करते हैं। यह रवैया, उनके अनुसार, देश की भावना के उलट है।

अमित शाह की इस तीखी टिप्पणी के बाद से संसद में माहौल और भी गर्म हो गया है।

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश बताया और कहा कि भाजपा विभाजनकारी राजनीति कर रही है।

दूसरी ओर, भाजपा का कहना है कि वंदे मातरम सिर्फ गीत नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा है, और इसका सम्मान हर भारतीय का कर्तव्य है।

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Madhuri
Madhurihttps://reportbharathindi.com/
पत्रकारिता में 6 वर्षों का अनुभव है। पिछले 3 वर्षों से Report Bharat से जुड़ी हुई हैं। इससे पहले Raftaar Media में कंटेंट राइटर और वॉइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में कार्य किया। Daily Hunt के साथ रिपोर्टर रहीं और ETV Bharat में एक वर्ष तक कंटेंट एडिटर के तौर पर काम किया। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और एंटरटेनमेंट न्यूज पर मजबूत पकड़ है।
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