Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक बेहद सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ स्थानीय प्रशासन बल्कि पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी है। पुलिस ने खुलासा किया है कि एक 15 वर्षीय दलित नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर केरल ले जाया गया,
जहां उसका जबरन धर्मांतरण कराया गया और उसे आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार करने की साजिश रची गई। ये पूरा घटनाक्रम करीब दो हफ्तों के भीतर अंजाम दिया गया।
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Uttar Pradesh: केरल में पहुंची लड़की, पैसों का लालच और ब्रेनवॉश
प्रयागराज पुलिस के मुताबिक, नाबालिग लड़की को उसकी एक मुस्लिम महिला दोस्त ने पैसों और सुविधाओं का लालच देकर केरल ले जाया। इस यात्रा में प्रयागराज के दो युवक भी मददगार रहे, जिनमें से एक ने पीड़िता को रेलवे स्टेशन तक बाइक से छोड़ा।
ट्रेन से दोनों लड़कियां पहले दिल्ली पहुंचीं और फिर केरल रवाना हुईं। केरल में कथित रूप से एक नेटवर्क के सदस्य संदिग्ध लोगों ने लड़की से संपर्क किया और उसका मानसिक रूप से ब्रेनवॉश करने का प्रयास किया गया।
परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस हरकत में
लड़की के लापता होने पर परिजनों ने प्रयागराज के थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस की सक्रियता के बाद 8 मई को नाबालिग लड़की को केरल से सुरक्षित बरामद कर उसकी मां के सुपुर्द कर दिया गया।
पूछताछ में लड़की ने बताया कि केरल में उसे इस्लाम कबूल करने के लिए उकसाया गया और कुछ संदिग्ध लोगों से मुलाकात भी करवाई गई।
एफआईआर दर्ज, दो गिरफ्तारियां, एक फरार
इस पूरे मामले में प्रयागराज पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें एक मुस्लिम महिला और एक पुरुष शामिल हैं। दोनों पर अपहरण, छेड़छाड़, धर्मांतरण की कोशिश और आतंकी नेटवर्क से जोड़ने की साजिश का आरोप है।
वहीं एक अन्य आरोपी की तलाश अभी जारी है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और जुवेनाइल एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
डीसीपी ने खोले गिरोह के राज
प्रयागराज के डीसीपी कुलदीप सिंह गुनावत ने ABP न्यूज़ से बातचीत में बताया कि यह सिर्फ एक इक्का-दुक्का मामला नहीं बल्कि एक संगठित गिरोह की करतूत है,
जो गरीब और दलित समुदाय की लड़कियों को निशाना बनाकर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मानसिक रूप से तैयार करता है। इसके बाद उन्हें आतंकी संगठनों के संपर्क में लाने की कोशिश की जाती है।
पूरे नेटवर्क की जांच में जुटी पुलिस
पुलिस अब इस गिरोह के नेटवर्क को खंगालने में जुटी है। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि दिल्ली और केरल जैसे राज्यों में भी फैला हुआ है।
साइबर सेल और खुफिया विभाग की टीमें भी मामले की तह तक जाने के लिए जांच में शामिल हो चुकी हैं।
सवालों के घेरे में सामाजिक सुरक्षा तंत्र
इस घटना ने एक बार फिर समाज के सबसे कमजोर तबके दलित और गरीब समुदाय के बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लड़कियों को बहला-फुसलाकर केरल जैसे दूर-दराज के इलाकों में ले जाना,
वहां उन्हें आतंकवाद की ओर धकेलने की योजना न सिर्फ भयावह है, बल्कि यह सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़े खतरे की ओर भी संकेत करता है।
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