Uttar Pradesh: संभल में जामा मस्जिद के विवाद के बाद से हिंदू विरासत के निशान खोजे जा रहे हैं। हाल ही में संभल में एक 46 साल पुराना शिव मंदिर मिला था। और अब संभल ही नहीं उत्तर प्रदेश के कई जगहों पर हिंदू विरासत के निशान मिल रहे यहीं। अब हाल ही में चंदौसी में 152 साल पुराना बांके बिहारी मंदिर और 150 साल पुरानी बावड़ी मिली है।
Uttar Pradesh: चंदौसी में मिला 152 साल पुराना बांके बिहारी मंदिर
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में बंद पड़े प्राचीन मंदिरों और धरोहरों के मिलने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। हाल ही में वाराणसी के मदनपुरा इलाके में एक सदी से भी ज्यादा पुराना शिव मंदिर मिला, जो लंबे समय से बंद पड़ा था। अब चंदौसी के लक्ष्मणगंज इलाके में 152 साल पुराना बांके बिहारी मंदिर और एक प्राचीन बावड़ी मिली है।
यह बावड़ी 150 साल पुरानी बताई जा रही है जो 400 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली हुई है। कहा जाता है कि इसका निर्माण बिलारी के राजा के नाना के शासनकाल में हुआ था। वहीं, बांके बिहारी मंदिर, जो कभी हिंदू बहुल इलाके में था धीरे-धीरे आबादी बदलने के कारण ये इलाका मुस्लिम बहुल हो गया। और अब ये मंदिर खंडहर में तब्दील हो चुका है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि 2010 में मंदिर की मूर्तियां खंडित कर दी गईं और उसके बाद से यह मंदिर वीरान पड़ा है। किसने मूर्तियां खंडित की ये किसी को नहीं पता।
Uttar Pradesh: मुजफ्फरनगर के लद्धावाला में भी मिला मंदिर
Uttar Pradesh: मुजफ्फरनगर के लद्धावाला मोहल्ले की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। 1970 में बने शिव मंदिर में 1992 के सांप्रदायिक तनाव के बाद पूजा-अर्चना बंद हो गई। लोग पलायन कर गए और मंदिर खंडहर बन गया।
Uttar Pradesh: संभल में हाल ही में 46 साल से बंद भस्म शंकर मंदिर, को दोबारा खोला गया है। इन हालिया घटनाओं ने हिंदू धरोहरों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या ये घटनाएं हमें हमारी पहचान और विरासत बचाने के लिए एकजुट होने का संदेश नहीं दे रहीं? अब समय आ गया है कि हम अपने धर्म और सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा के लिए जागरूक हों और आवाज उठाएं