Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के हरवंशपुर धारम गाँव के एक सरकारी कंपोजिट विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक मोहम्मद सलाउद्दीन पर धार्मिक भेदभाव के गंभीर आरोप लगे हैं।
छात्रों के मुताबिक, सलाउद्दीन हिंदू छात्रों को जबरन उर्दू पढ़ने के लिए मजबूर करता था और अगर कोई छात्र मना करता, तो मुस्लिम छात्रों से उनकी पिटाई करवाता था।
Table of Contents
भगवान को लेकर दिए थे विवादित बयान
Uttar Pradesh: मामले की शुरुआत एक वायरल वीडियो से हुई, जिसमें कुछ छात्रों ने दावा किया कि मोहम्मद सलाउद्दीन सिर्फ उर्दू पढ़ाने पर ही नहीं, बल्कि हिंदू धार्मिक मान्यताओं पर भी सवाल उठाता था।
वीडियो में सलाउद्दीन को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि “तुम्हारा भगवान नहीं होता, किसी ने भगवान को देखा है?”
इस बयान ने सोशल मीडिया पर हिंदू संगठनों के बीच आक्रोश फैला दिया, और शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की जाने लगी।
जाँच में आरोप सही पाए गए, तत्काल सस्पेंड
Uttar Pradesh: मामला सामने आने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) योगेंद्र कुमार ने तत्काल जाँच के आदेश दिए।
जाँच में आरोप सत्य पाए गए, जिसके बाद मोहम्मद सलाउद्दीन को तुरंत निलंबित कर दिया गया है।
फिलहाल उन्हें उच्च प्राथमिक विद्यालय जहानाबाद खोबड़ा से संबद्ध किया गया है।
धर्म आधारित भेदभाव बर्दाश्त नहीं-BSA
Uttar Pradesh: BSA योगेंद्र कुमार ने स्पष्ट कहा कि, “विद्यालयों में धर्म के नाम पर किसी भी तरह का भेदभाव स्वीकार नहीं किया जाएगा।
शिक्षकों का कर्तव्य बच्चों को एक समान शिक्षा देना है, न कि किसी धर्म विशेष की सोच थोपना।”
लेकिन सवाल ये है कि आखिर कुछ मजहबी लोग ऐसा करते ही क्यों है? खुद के मजहब का सम्मान करना अच्छी बात है है लेकिन जब किसी दूसरे धर्म का अपमान किया जाए तो ये किसी भी लिहाज से ठीक नहीं है।