Udaipur Files Release Ban: ‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म की रिलीज़ पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने अभी कोई स्पष्ट आदेश देने से इनकार कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि सभी पक्ष, फिल्म निर्माता, विरोध कर रही संस्था जमीयत उलेमा ए हिंद और हत्या आरोपी मोहम्मद जावेद, पहले केंद्र सरकार द्वारा गठित कमिटी के सामने अपना पक्ष रखें।
यह कमिटी सूचना-प्रसारण मंत्रालय के अधीन है और बुधवार, 16 जुलाई को दोपहर 2:30 बजे बैठक कर मामले पर विचार करेगी।
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क्या है ‘उदयपुर फाइल्स’ का विवाद और पृष्ठभूमि?
Udaipur Files Release Ban: यह फिल्म जून 2022 में उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या पर आधारित है।
नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए गए बयान का समर्थन करने के चलते दो युवक मोहम्मद रियाज़ और मोहम्मद गौस ने कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या कर दी थी।
दावा किया जा रहा है कि कई अन्य लोग भी इस हत्याकांड में शामिल थे।
Udaipur Files Release Ban: अब फिल्म पर यह आरोप है कि यह समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत फैलाने वाली सामग्री को दर्शाती है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई थी पहली रोक
Udaipur Files Release Ban: 10 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमीयत की याचिका पर सुनवाई करते हुए फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगा दी थी।
हाई कोर्ट ने कहा था कि सिनेमेटोग्राफी एक्ट की धारा 6 के तहत यह मामला केंद्र सरकार के विचाराधीन है, और निर्णय वही ले।
फिल्म निर्माता ने इस रोक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
फिल्म से सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का तर्क
Udaipur Files Release Ban: सुनवाई के दौरान फिल्म निर्माता की ओर से वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया और रिज़वान अहमद ने बहस की, जबकि विरोध पक्ष से कपिल सिब्बल और मेनका गुरुस्वामी मौजूद रहे।
निर्माता पक्ष ने दावा किया कि रिलीज़ रोकने से उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्थिक नुकसान की भरपाई संभव है, लेकिन यदि फिल्म से सामाजिक सौहार्द बिगड़ा, तो उसकी भरपाई असंभव होगी।
कोर्ट ने अपनी राय देने से किया इनकार
Udaipur Files Release Ban: सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह भी स्पष्ट किया कि वे फिल्म के कंटेंट या गुणवत्ता पर कोई राय नहीं दे रहे हैं।
कोर्ट ने कहा कि न ही उन्होंने और न ही हाई कोर्ट ने फिल्म की समीक्षा की है।
मामला पूरी तरह से वैधानिक प्रक्रिया के तहत केंद्र सरकार की समीक्षा और निर्णय पर निर्भर करता है।
फिल्म इस्लाम विरोधी नहीं, बल्कि तथ्य आधारित, निर्माता
Udaipur Files Release Ban: फिल्म निर्माता की ओर से वकील रिज़वान अहमद ने स्पष्ट किया कि फिल्म में इस्लाम धर्म का विरोध नहीं किया गया है।
केवल कुछ कट्टरपंथी तत्वों को चित्रित किया गया है, जो किसी धर्म का प्रतिनिधित्व नहीं करते। वहीं, जमीयत के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि फिल्म में मुसलमानों को सामूहिक रूप से गलत रूप में पेश किया गया है।
निर्माताओं को मिल रही हैं धमकियां, सुरक्षा की मांग की गई
Udaipur Files Release Ban: सुनवाई में यह भी बताया गया कि निर्माता, निर्देशक और दिवंगत कन्हैयालाल के बेटे को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा कि संबंधित व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्र की पुलिस को सुरक्षा के लिए आवेदन करें, और पुलिस खतरे के स्तर के अनुसार कार्रवाई करेगी।
अब अगली सुनवाई 21 जुलाई को
Udaipur Files Release Ban: सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार, 21 जुलाई को करेगा।
तब तक सभी पक्षों को सूचना-प्रसारण मंत्रालय की कमिटी के समक्ष अपनी बात रखने के लिए कहा गया है।
कोर्ट ने कमिटी से जल्द निर्णय लेने का सुझाव जरूर दिया, लेकिन कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की।