Thursday, November 21, 2024

Telecommunication Act 2023: गलत तरीके से सिम खरीदी तो 50 लाख तक का जुर्माना 3 साल की सजा नया टेलीकॉम कानून हुआ लागू, जानें सब

Telecommunication Act 2023:: नया टेलीकॉम कानून 26 जून को लागू हो गया है। इस बार लागू किये गए कानून में टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट की दिशा में काफी ज्यादा जोर दिया है।

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टेलीकॉम सेक्टर में कानूनों में 26 जून (बुधवार) को बड़ा फेर- बदल हुआ है। जानकारी के लिए बता दें कि ये कानून पिछले साल दिसंबर में ही संसद में पास हो गया था। इसके कानून को लागू करने के पीछे की वजह थी देश में बढ़ रहे साइबर फ्रॉड पर रोक लगाना। इस कानून के तहत अब देश का कोई भी नागरिक देश कि 9 से ज्यादा सिम कार्ड्स नहीं ले सकेगा। अगर कोई व्यक्ति 9 से ज्यादा सिम use करते हुए पाया जाता है तो उस पर 50 हजार से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जायेगा और सिर्फ इतना ही नहीं उस व्यक्ति को 3 साल कि सजा भी होगी। वहीं अगर कोई धांधली करते हुए आप पाए जाते हैं तो 50 लाख तक का जुर्माना भी हो सकता है।

नए टेलीकॉम कानून के तहत सरकार जरूरत पड़ने पर नेटवर्क सस्पेंड भी कर सकेगी। साथ ही आपके मैसेजेज को इंटरसेप्ट भी कर सकेगी। इसके अलावा पुराने कानून में भी कई बदलाव किये हैं। सरकार ने इस बार कानून के तहत कई सारी पावर को अपने पास रखा है। जैसे कि इमरजेंसी के समय सरकार किसी भी टेलिकम्युनिकेशन सर्विस या नेटवर्क को अपने कंट्रोल में ले सकती है। इसके साथ ही आप सरकार की इजाजत के बाद ही प्राइवेट टावर लगवा सकेंगे। ये देश के 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम ‘द इंडियन वायरलेस टेलीग्राफ एक्ट 1933’ की जगह पर आएगा।

जाने क्या अधिकार रहेंगे सरकार के पास

टेलीकम्युनिकेशन एक्ट 2023 में कई बदलाव किए गए हैं, जिनमें किसी इमरजेंसी या फिर वॉर के हालातों में सरकार जरूरत पड़ने पर किसी भी टेलीकॉम सर्विस या नेटवर्क, मैनेजमेंट को नियंत्रित कर सकती है। साथ ही सरकार के पास उन्हें ससपेंड करने की पावर भी है। देश के लोगों की सुरक्षा को मद्देनजर सरकार किसी भी मैसेज का ट्रांसमिशन भी रोक सकती है।

आपको मिलेगी स्पैम कॉल्स से राहत

नए टेलीकम्युनिकेशन एक्ट में सरकार ने स्पैम काल्स की समस्या का गंभीरता से ध्यान रखा है। लोगों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए अब टेलीकॉम कंपनियों को सख्त कदम उठाने होंगे। अब से टेलीकॉम कंपनियों को किसी भी तरह का प्रमोशनल मैसेज भेजने से पहले यूजर्स का कंसेंट लेन अनिवार्य होग। इसके अलावा यूजर्स की शिकायतें सुनने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को ऑनलाइन मैकेनिज्म बनाना होगा, जिससे यूजर्स अपनी शिकायत ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करवा सकें।

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