Wednesday, December 24, 2025

Syria: 72 घंटे में 1300 लोगों की मौत, हिंसा से कांपा सीरिया

Syria: सीरिया में भीषण झड़प और हिंसा का दौर जारी है। राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थक और सुरक्षा बलों के बीच जमकर बवाल हुआ, जिसमें 1300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार संघर्ष की शुरुआत तटीय शहर लताकिया और उसके आसपास के इलाकों में हुई थी। इसके बाद से यह हिंसा कई अन्य क्षेत्रों तक फैल गई है। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार यहां पिछले 14 सालों से हिंसा का दौर जारी है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

Syria: विद्रोहियों के खिलाफ हमले तेज

बता दें कि तीन महीने पहले सीरिया के विद्रोहियों ने बशर अल-असद को सत्ता से हटाकर एक नई सरकार बनाई थी। हालांकि असद समर्थकों और सरकारी बलों के बीच तनाव बना हुआ था। रिपोर्टों के अनुसार असद के समर्थकों ने विद्रोहियों के खिलाफ हमले तेज कर दिए, जिससे यह संघर्ष और अधिक घातक हो गया। सरकारी सुरक्षा बलों और असद समर्थक सशस्त्र समूहों के बीच हुए संघर्ष में बड़ी संख्या में नागरिकों की भी मौत हो गई थी।

125 सरकारी सुरक्षा बलों के जवान मारे गए

Syria
सीरियाई लड़ाके और नागरिक 9 मार्च को हामा प्रांत में सीरियाई सुरक्षा बलों के एक सदस्य के अंतिम संस्कार के दौरान उसका ताबूत ले जाते हुए।
मोआविया अत्रास/पिक्चर एलायंस गेट्टी इमेज के माध्यम से

सीरियन ऑब्जर्वेटरी के अनुसार 1000 से अधिक मौतें हुई है, जिसमें 745 आम नागरिक शामिल थे। इसमें 125 सरकारी सुरक्षा बलों के जवान मारे गए और 148 असद समर्थक सशस्त्र समूहों के सदस्य भी इस हिंसा में मारे गए। रिपोर्ट के अनुसार मारे गए नागरिकों में से ज्यादातर को नजदीक से गोली मारी गई या फिर घरों से निकालकर उनकी हत्या कर दी गई है।

बंदूकधारियों ने अलावी पुरुषों को मारी गोली

ऐसा कहा जा रहा है कि सीरियाई सरकार के प्रति वफादार सुन्नी बंदूकधारियों ने अल्पसंख्यक अलावी समुदाय के लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। अलावी समुदाय दशकों तक असद का समर्थन करता रहा है, जिसके कारण कई सुन्नी विद्रोही गुट उनके खिलाफ हमले कर रहे हैं। वहीं बंदूकधारियों ने अलावी पुरुषों को उनके घरों या दुकानों में घुसकर गोली मारी है।

बिजली और पानी की आपूर्ति ठप

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में कई घरों को लूट लिया गया और फिर उनमें आग लगा दी गई। हजारों लोग सुरक्षा की तलाश में पास के पहाड़ों में शरण लेने को मजबूर हो गए है। लताकिया और आसपास के कई इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप हो गई है, जिससे स्थिति और खराब हो गई है।

सड़कों पर बिखरे शव

हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित बनियास नामक कस्बा हुआ है। वहां रहने वाले एक स्थानीय नागरिक 57 वर्षीय अली शेहा के अनुसार वहां शव सड़कों पर बिखरे पड़े थे और कोई उन्हें उठाने तक की हिम्मत नहीं कर पा रहा था। इसी के साथ ही सीरिया की नई सरकार के लिए यह हिंसा काफी बड़ी चुनौती बन गई है। सरकार का कहना है कि सुरक्षा बल असद समर्थकों के हमलों का जवाब दे रहे थे, लेकिन विरोधी गुट इसे सरकार की असफलता करार दे रहे हैं।

यह भी पढ़ें: तीसरी संतान बेटी तो 50 हजार रुपए, बेटे के जन्म पर मिलेगी गाय

Madhuri
Madhurihttps://reportbharathindi.com/
पत्रकारिता में 6 वर्षों का अनुभव है। पिछले 3 वर्षों से Report Bharat से जुड़ी हुई हैं। इससे पहले Raftaar Media में कंटेंट राइटर और वॉइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में कार्य किया। Daily Hunt के साथ रिपोर्टर रहीं और ETV Bharat में एक वर्ष तक कंटेंट एडिटर के तौर पर काम किया। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और एंटरटेनमेंट न्यूज पर मजबूत पकड़ है।
- Advertisement -

More articles

- Advertisement -

Latest article