Sushil Kumar Modi: सुशील कुमार मोदी बिहार की राजनीति में एक बड़ा नाम रहे। उन्होंने कई वर्षों तक उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के तौर पर सेवा दी और राज्य को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई।
उन्होंने न सिर्फ बिहार की अर्थव्यवस्था को सुधारा, बल्कि पूरे देश में GST (वस्तु और सेवा कर) को लागू करने में भी बड़ी भूमिका निभाई।
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Sushil Kumar Modi: आपातकाल में 19 महीने जेल में
मोदी का जन्म 5 जनवरी 1952 को हुआ था। वे बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहे और बाद में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में भी सक्रिय रहे। 1970 के दशक में जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में हिस्सा लिया और आपातकाल के दौरान लगभग 19 महीने जेल में भी रहे।
1990 में वे विधायक बने
1990 में वे विधायक बने और लंबे समय तक पटना का प्रतिनिधित्व किया। वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने बिहार को एक राजस्व अधिशेष वाला राज्य बनाया, यानी राज्य की आमदनी खर्च से ज़्यादा होने लगी। उन्होंने महिलाओं के लिए अलग बजट, गरीबों के लिए योजनाएं और निवेश लाने के लिए नई सोच पेश की। वे GST लागू करने वाली राज्यों की समिति के अध्यक्ष भी रहे और बाद में GST काउंसिल में सक्रिय सदस्य रहे।
अंग और शरीर दान के लिए जागरूकता
राजनीति के साथ-साथ श्री मोदी समाजसेवा में भी बहुत सक्रिय थे। उन्होंने अंग और शरीर दान के लिए जागरूकता फैलाई, ब्लड बैंक शुरू किए, थैलेसीमिया मरीजों के लिए मुफ्त रक्त दिलवाया और दिव्यांगों के लिए सुविधाएं बढ़ाने में मदद की। COVID-19 जैसे संकटों में भी उन्होंने लोगों की हर संभव मदद की।
उनकी इन्हीं सेवाओं को देखते हुए, भारत सरकार ने उन्हें 2025 में मरणोपरांत ‘पद्म भूषण’ सम्मान दिया गया। यह सम्मान उन्हें राज्य और देश के लिए उनके लंबे योगदान, खासकर GST और आर्थिक सुधारों में भूमिका के लिए दिया गया।
मोदी का राजनीतिक जीवन बहुत लंबा और सफल रहा। वे चारों सदनों—लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद—का हिस्सा रहे, जो बहुत कम नेताओं को नसीब होता है। उनका निधन 13 मई 2024 को हुआ, लेकिन उनके काम और विचार आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।
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