Special Story: क्या आपको पता है एक ऐसा शहर भी है जहां अगर लड़की मोटी न हो तो उसकी शादी नहीं होती है। यहां 13 साल की उम्र से ही लड़कियों को हाई कैलोरी वाला खाना खिलाना शुरू हो जाता है। उनकी डाइट में मीट जैसी फैट वाली चीजें शामिल कर दी जाती है ताकि वो जल्दी मोटी हो जाए।
पूरी दुनिया ग्लैमर के पीछे है। यहां लोग पतले होने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। तरह-तरह की स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो कर रहे है, दवाईयां खा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्यूंकि आजकल वही लोग सुंदर हैं जो स्लिम-फिट है।
लेकिन इसी दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जहां लड़की का मोटापा जितना ज्यादा होता है उसे उतना ज्यादा सुंदर और सर्वगुण संपन्न माना जाता है। इस देश में लड़कियों को शादी से पहले मोटा करने के लिए फैट कैंप तक भेजा जाता है, ताकि वो शादी तक मोटी हो जाए और सुंदर दिखें।
लेबलू परंपरा
शादी से पहले लड़कियों को मोटा करने की इस परंपरा को लेबलू परंपरा कहते हैं। ये परंपरा पश्चिम अफरीका स्थित मॉरीतानिया में निभाई जाती है। जैसे ही यहां किसी लड़की की शादी की उम्र होती है उसका मोटापा बढ़ाने की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। पहले तो ये काम घर में ही किया जाता है। उन्हें हाई कैलोरी वाला खाना खिलाया जाता है लेकिन अगर इसके बाद भी लड़की का मोटापा न बढ़े तो लड़की के मां-बाप उसे फैट कैंप भेज देते हैं।
13 साल बाद ही लड़कियों को मोटा करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस शहर में जैसे ही लडकियां 13 या 14 साल की होती हैं, उसे फैट बढ़ाने वाली चीजें खिलाना शुरू हो जाती हैं। उसे मुगवाली, दूद्ध, फैटी मील खिलाई जाती हैं। उसकी डाइट में हर वो चीज रखी जाती है जिससे वे मोटी हो जाए। यहां के लोगों का मानना है कि जब तक लड़की की बॉडी पे स्ट्रेच मार्क्स न हो वो सुंदर नहीं दिखती। उसकी चर्बी ही उसकी खूबसूरती की निशानी होती है।
यहां के लोग मानते हैं कि लड़कियों का चेहरा एकदम भरा होना चाहिए। मोटापा बढ़ाने के लिए लड़कियों को जबरदस्ती खिलाया जाता है। इसके कारण तो कई बार लड़कियों की तबियत तक बिगड़ जाती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस देश में शादी से पहले लड़कियों को करीब 16000 कैलोरी रोजाना खिलाई जाती है। WHO का मानना है कि महिलाओं को एक दिन में 2000 कैलोरी से ज्यादा नहीं लेनी चाहिए।