Shubhanshu Shukla Return: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 18 दिनों के ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन के बाद सफलतापूर्वक धरती पर लौट आए हैं।
Shubhanshu Shukla Return: Axiom-4 मिशन का हिस्सा रहे शुभांशु शुक्ला और उनके तीन सहयोगी अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वापसी की, और उनका स्पेसक्राफ्ट ‘ड्रैगन’ कैलिफोर्निया के तट पर प्रशांत महासागर में सफलतापूर्वक लैंड हुआ।
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22.5 घंटे की लंबी वापसी यात्रा
Shubhanshu Shukla Return: शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर वापसी एक सुनियोजित प्रक्रिया थी। अंतरिक्ष स्टेशन से अनडॉकिंग के बाद स्पेसक्राफ्ट ने लगभग 22.5 घंटे की यात्रा की।
इस दौरान उनकी सुरक्षा और स्पेसक्राफ्ट की स्थिति को लगातार मॉनिटर किया गया।
कैसे कम की गई स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार
Shubhanshu Shukla Return: पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने से पहले स्पेसक्राफ्ट की स्पीड को धीरे-धीरे घटाया गया।
थ्रस्टर्स को विपरीत दिशा में फायर किया गया, जिससे स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार 27,000 किमी/घंटा से घटकर 25,000 किमी/घंटा हो गई।
इसके बाद ‘डी-ऑर्बिट बर्न’ किया गया और अनावश्यक पैनल्स को अलग कर दिया गया।
वायुमंडलीय घर्षण और गर्मी बनी चुनौती
Shubhanshu Shukla Return: जब ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश कर रहा था, उस समय वायुमंडल से घर्षण के कारण अत्यधिक गर्मी उत्पन्न हुई।
यही कारण है कि वापसी के इस चरण को सबसे अधिक संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण माना जाता है।
किसी तकनीकी दिक्कत की स्थिति में रिकवरी बेहद मुश्किल हो जाती।
मौसम बना बड़ी बाधा का कारण
Shubhanshu Shukla Return Latest Updates: स्पेसक्राफ्ट की सफल लैंडिंग के लिए मौसम की स्थिति अहम भूमिका निभाती है।
इस मिशन के दौरान मौसम को ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक लैंडिंग साइट्स तैयार रखी गई थीं ताकि किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की संभावना बनी रहे।
टचडाउन से पहले पैराशूट सिस्टम एक्टिवेट
Shubhanshu Shukla Return Live Updates: लैंडिंग से कुछ ही मिनट पहले स्पेसक्राफ्ट की गति को और धीमा करने के लिए पैराशूट सिस्टम सक्रिय किया गया।
पहले ‘ड्रग पैराशूट’ और फिर ‘मुख्य पैराशूट’ खुले, जिससे ड्रैगन की रफ्तार नियंत्रित होकर उसे सुरक्षित रूप से समुद्र में उतारने में मदद मिली।
कैलिफोर्निया में सफल लैंडिंग, रिकवरी प्रक्रिया शुरू
स्पेसक्राफ्ट मंगलवार दोपहर 3 बजे (IST) के करीब कैलिफोर्निया के सैन डिएगो तट के पास प्रशांत महासागर में लैंड हुआ।
लैंडिंग के तुरंत बाद रिकवरी शिप ‘शैनन’ वहां पहुंची, और ड्रैगन यान को जहाज पर तैनात किया गया।
इसके बाद सभी अंतरिक्ष यात्रियों को बाहर निकाला गया।
10 दिन के आइसोलेशन के बाद सामान्य जीवन में वापसी
धरती पर लौटने के बाद शुभांशु शुक्ला और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों को 10 दिनों के आइसोलेशन में रखा जाएगा।
इस दौरान उनके स्वास्थ्य की निगरानी की जाएगी और फिर वे अपने सामान्य जीवन में लौट आएंगे।
भारत के लिए गर्व का क्षण
शुभांशु शुक्ला की यह वापसी भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक और गौरवपूर्ण अध्याय जोड़ती है।
भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों, वायुसेना और देशवासियों के लिए यह एक गौरवशाली क्षण है।