Shillong: इस भागदौड़ भरी जिंदगी में, खुद के लिए अपने परिवार वालों के लिए, अपने पार्टनर के लिए, दोस्तों के लिए समय निकालकर कहीं घूमने जाना सबसे अच्छा ऑप्शन है।
ब्रेक हर आदमी को चाहिए और मजा तो तब आ जाता है जब जगह शांत हो, पहाड़ हो, और जहां जाते ही सब भूल जाये।
ऐसे में आज हम आपके लिए आज एक ही जगह के बारे में जानकारी लाये है जो मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग से मात्र 55 किलोमीटर की दूरी पर है।
शिलॉन्ग के आसपास कई टूरिस्ट्स स्पॉट्स मौजूद
Shillong: शिलॉन्ग के आसपास कई टूरिस्ट स्पॉट्स मौजूद हैं। ये ऐसी जगहें हैं जहां एक बार चला जाए तो वापस आने का मन ही नहीं होता।
यहीं से 55 किलोमीटर की दूरी पर है चेरापूंजी हिल स्टेशन।
एक समय पर इसे सबसे ज्यादा बरसात वाला एरिया माना जाता था।
मेघालय के उत्तरी-पूर्व इलाके में बसा ये हिल स्टेशन अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए दुनिया भर में मशहूर है।
बादलों से घिरी एक शांत और सुंदर जगह
Shillong: चेरापूंजी हमेशा बादलों से घिरा रहता है। ऐसा प्रतीत होता है मानो बदल जमीन पर उतर आये हो।
यहां का शांत माहौल इसे और आकर्षित बना देता है। यहां बारिश रात के समय होती है।
चेरापूंजी की खूबसूरती देखने लायक
Shillong: शिलॉन्ग से चेरापूंजी जाने वाला रास्ता बेहद खूबसूरत है। सुंदर पहाड़ों और हरियाली को देखकर आपका मन खुश हो जायेगा।
यहां पर अनानास के पेड़, सुंदर पत्तियों वाले पौधें देखने को मिलते हैं।
रास्ते से जाते समय ही आपको कई झरने दिख जायेंगे। पहाड़ों के बीच से गिरते इन झरनों का अनुभव वास्तव में बहुत खास है।
ये जगह आपको सही मायनों में ये बताती है कि प्रकृति कितनी खूबसूरत है।
ये जगह चीड़ और एरोकेरिया के पेड़ों से घिरी है। यहां के जंगलों के कारण इसे ‘स्कॉटलैंड ऑफ ईस्ट’ के नाम से भी जाना जाता है।
चेरापूंजी जाकर इन जगहों पर जरूर घूमें
नोहकलिकाई वॉटरफॉल, एक दर्दनाक कहानी के बीच बसी खूबसूरती
Shillong: चेरापूंजी हिल स्टेशन से कुछ दूरी पर स्थित नोहकलिकाई वॉटरफॉल मेघालय की सबसे प्रसिद्ध जगहों में से एक है।
हजारों फीट ऊपर से गिरते दूधिया पानी को देखना अपने आप में एक जादुई अनुभव है।
लेकिन इस झरने के पीछे एक दुखद कहानी छिपी है।

कहा जाता है कि ‘लिकाई’ नाम की महिला जब अपने काम से घर लौटी, तो उसके पति ने बताया कि उसने उनके बेटे को मारकर पका लिया है।
यह सुनते ही लिकाई ने झरने में कूदकर अपनी जान दे दी।
तभी से इस झरने को “नोहकलिकाई” यानी ‘लिकाई का छलांग’ कहा जाता है।
इस क्षेत्र में कई प्राचीन और सुंदर गुफाएं भी हैं जो इस जगह की खूबसूरती को और बढ़ा देती हैं।
डैन्थलेन फॉल्स, हरियाली से घिरा शांत स्थान
Shillong: चेरापूंजी से लगभग 11 किलोमीटर दूर स्थित डैन्थलेन फॉल्स भी एक बेहद खूबसूरत पर्यटक स्थल है।
यह झरना अपने विशाल आकार और चारों तरफ फैली घनी हरियाली के लिए जाना जाता है।

यहां आकर आप प्राकृतिक नज़ारों का सजीव अनुभव कर सकते हैं। झरने के आसपास का वातावरण मन को शांति और ताजगी से भर देता है।
चेरापूंजी बस स्टैंड से इसकी दूरी लगभग 9 किलोमीटर है और यहां घूमने का सबसे बेहतरीन समय जून से सितंबर के बीच का माना जाता है।
गुफाओं का बगीचा, प्रकृति और रहस्य का अद्भुत मेल
Shillong: चेरापूंजी से लगभग 14 किलोमीटर दूर स्थित ‘गुफाओं का बगीचा’ (Garden of Caves) एक अनोखी और शांत जगह है।
यहां मानसून के मौसम में बहते झरनों और हरियाली से घिरे तालाबों का नज़ारा मन मोह लेता है।

इस जगह के सात भाग हैं जो इसे और भी खास बनाते हैं, सुम सिमे फॉल्स, यू मावदोहनुद (हार्ट शेप चट्टान), का सिंरंग सिमे (राजा की गुफा), की स्टीह माव (योद्धा चट्टानें), यू मावखिलुंग (बेबी रॉक) और रियात उमलवाई फॉल्स।
यह जगह प्राकृतिक प्रेमियों और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
कैसे पहुंचे चेरापूंजी?
Shillong: चेरापूंजी पहुंचने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग का सहारा ले सकते हैं।
यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट गुवाहाटी है, जो लगभग 181 किलोमीटर दूर है।
गुवाहाटी से टैक्सी या बस द्वारा चेरापूंजी पहुंचा जा सकता है। रेल यात्रा के लिए भी गुवाहाटी रेलवे स्टेशन सबसे निकट है।
अगर आप प्रकृति के साथ ड्राइव का आनंद लेना चाहते हैं तो कार से शिलॉन्ग होते हुए चेरापूंजी तक का सफर यादगार बन सकता है।
रास्ते में पहाड़, बादल और हरियाली का संगम देखने को मिलेगा।