Sambhal Violence: संभल हिंसा के चार महीने बाद पुलिस ने जामा मस्जिद के सदर जफर अली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उन पर भीड़ को भड़काने और दंगा कराने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, अदालत में पेशी के दौरान जफर अली ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने कोई हिंसा नहीं भड़काई है।
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Sambhal Violence में गिरफ्तारी और पुलिस पूछताछ
Sambhal Violence: पुलिस ने रविवार सुबह 11 बजे जफर अली को उनके घर से उठाया और करीब 4 घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ्तारी की खबर फैलते ही उनके समर्थक और अधिवक्ता कोतवाली पहुंच गए और विरोध करने लगे। पुलिस वाहन के पीछे कुछ अधिवक्ता दौड़ते भी नजर आए, वहीं समर्थकों ने ‘जफर अली जिंदाबाद’ के नारे लगाए।
भीड़ भड़काने का किया था काम?
Sambhal Violence:ख़बरों में आयी जानकारी के मुताबिक, 19 नवंबर को जामा मस्जिद में एडवोकेट कमीशन सर्वे के दौरान जफर अली वहीं थे। 24 नवंबर को जब भीड़ जमा होने लगी थी तो उन्हें सर्वे टीम से बाहर निकलकर भीड़ के बीच जाते देखा गया था। इसी दौरान जफर अली की भीड़ से बात की थी ऐसा कहा जा रहा है। पुलिस और विशेष जांच टीम (SIT) इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और आरोप है कि जफर अली हिंसा के मास्टरमाइंड में से एक हैं।
इलाके में भारी पुलिस बल तैनात
Sambhal Violence: जफर अली का घर जामा मस्जिद से मात्र 100 मीटर दूर है। उनकी गिरफ्तारी के बाद इलाके में तनाव बढ़ने की आशंका के चलते 200 से अधिक पुलिसकर्मी और 5 थानों की फोर्स तैनात की गई। साथ ही, संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई और अन्य वरिष्ठ अधिकारी फ्लैग मार्च कर रहे हैं।
संभल हिंसा की पृष्ठभूमि
24 नवंबर 2024 को संभल की जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह स्थल पहले हरिहर मंदिर था, जिसे 1529 में बाबर के शासनकाल में मस्जिद में बदल दिया गया था। इसी दावे के आधार पर 19 नवंबर को कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद अदालत ने मस्जिद के अंदर सर्वे कराने का आदेश दिया।
सर्वे के दौरान पुलिस और सर्वे टीम पर भीड़ ने पथराव कर दिया, जिससे हिंसा भड़क उठी। इस दौरान गोली लगने से चार लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में अब तक 3 महिलाओं समेत 79 लोगों को गिरफ्तार किया है।
जफर अली पर लगे आरोप और पुलिस का बयान
Sambhal Violence: एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि जफर अली पर कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं, जिनमें भारतीय दंड संहिता की धारा 191(2), 191(3), 190, 221, 125, 132, 324(5), 196, 230, 231 और सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधिनियम की धारा 3/4 शामिल हैं।
एसपी ने यह भी कहा कि जफर अली से पहले भी पूछताछ की गई थी, लेकिन उन्हें बाद में छोड़ दिया गया था। हालांकि, दोबारा पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
परिवार और अधिवक्ताओं का आरोप
Sambhal Violence: जफर अली के बड़े भाई ताहिर अली ने पुलिस पर गलत तरीके से कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जफर अली ने हिंसा के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि पुलिस ने गोली चलाई थी और उसी से लोग मारे गए थे। प्रशासन जानबूझकर उन्हें जेल भेज रहा है ताकि वह अपनी बात न रख सकें।”
उनके समर्थक अधिवक्ताओं ने भी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए और कोतवाली पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस को स्थिति संभालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात करना पड़ा।
इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) ने फ्लैग मार्च किया। मस्जिद के आसपास 50 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात हैं। सुरक्षा के चलते आसपास की दुकानें बंद हो गईं।
सर्वे रिपोर्ट में मंदिर होने के दावे
Sambhal Violence: 2 जनवरी 2025 को चंदौसी कोर्ट में जामा मस्जिद की 45 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, मस्जिद में 50 से ज्यादा हिंदू प्रतीक चिह्न, प्राचीन कलाकृतियां और वट वृक्ष पाए गए, जिससे हिंदू पक्ष के दावे को बल मिला। इसके अलावा, रिपोर्ट में दावा किया गया कि मस्जिद के गुंबद पर मंदिरों जैसी संरचना के संकेत मिले हैं।
अभी तक 79 गिरफ्तारियां, 130 जमानत याचिकाएं खारिज
Sambhal Violence: संभल हिंसा मामले में अब तक 79 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और किसी की भी जमानत नहीं हुई है। जस्टिस नारायण राय ने 130 जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं।
संभल की जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई का काम जारी
Sambhal Violence: संभल की जामा मस्जिद में हाल ही में रंगाई-पुताई का काम तेजी से चल रहा है। मस्जिद के पश्चिमी हिस्से की बाहरी दीवारों पर सिंगल कोट का पुताई कार्य लगभग पूरा हो चुका है। साथ ही, दिल्ली से लाई गई LED फोकस लाइटों को भी मस्जिद की सजावट के लिए लगाया जा रहा है।
विवादास्पद रंग व्यवस्था पर टकराव
Sambhal Violence: जामा मस्जिद कमेटी के सदर एडवोकेट जफर अली ने दावा किया है कि मस्जिद में हो रहे हरे रंग समेत सभी कलर पहले की तरह ही हैं। हालांकि, कुछ दिनों पहले हिंदू पक्ष ने प्रशासन को ज्ञापन देकर मस्जिद में भगवा रंग या केवल सफेद रंग की मांग की थी। इस पर प्रशासन द्वारा ASI को सजावट के दौरान संरचना को नुकसान न पहुँचाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
स्थिति पर प्रशासन की नजर
Sambhal Violence: संभल प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। ASP श्रीश्चंद्र ने कहा, “हमारी प्राथमिकता कानून व्यवस्था बनाए रखना है। सुरक्षा को देखते हुए इलाके में चौकसी बढ़ा दी गई है और पुलिस लगातार गश्त कर रही है। किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।”
संभल हिंसा का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। प्रशासन की सख्ती और अदालत के फैसलों पर सभी की नजर बनी हुई है।