चुनावी हार के बाद RJD में मचा बवाल: बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आरजेडी के भीतर उथल-पुथल मच गई है। एक तरफ पार्टी चुनावी नतीजों के झटके से उभर नहीं पा रही, वहीं दूसरी तरफ लालू परिवार के भीतर बढ़ती खींचतान ने हालात को और गंभीर बना दिया है।
हार के बाद से पार्टी की अंदरूनी रणनीति, आरोप-प्रत्यारोप और नेतृत्व की दिशा पर जोरदार बहस छिड़ी हुई है।
तेजस्वी यादव की समीक्षा बैठक में गहराया विवाद
चुनावी हार के बाद RJD में मचा बवाल: हार का विश्लेषण करने के लिए तेजस्वी यादव ने अपने सरकारी आवास पर एक बड़ी समीक्षा बैठक बुलाई। इसमें हारे और जीते प्रत्याशी, वरिष्ठ विधायक और कई बड़े नेता शामिल हुए। खास बात यह रही कि लंबे समय बाद दोबारा सक्रिय दिख रहे प्रदेश अध्यक्ष और लालू प्रसाद के करीबी जगदानंद सिंह भी इस बैठक में मौजूद थे।
लेकिन इसी बीच बड़ा सवाल बना रहा—तेजस्वी के सबसे भरोसेमंद माने जाने वाले राज्यसभा सांसद संजय यादव इस बैठक में क्यों नहीं पहुंचे?
मीटिंग के बीच लालू और राबड़ी का बाहर निकलना बना बड़ा संकेत
बैठक के दौरान सबसे चौंकाने वाला दृश्य तब दिखा जब लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अचानक मीटिंग छोड़कर बाहर निकल गए। उनके इस कदम ने पार्टी नेताओं के बीच कई तरह की चर्चाओं को हवा दे दी।
रोचक यह रहा कि बैठक शुरू होने से पहले सभी नेताओं का कहना था कि हार के कारणों पर खुलकर चर्चा होगी, लेकिन बैठक के दौरान माहौल कुछ और ही दिशा में बहकता दिखा।
चुनावी हार के बाद RJD में मचा बवाल: रोहिणी आचार्य के बयान और संजय यादव की गैर-मौजूदगी ने बढ़ाई गर्मी
चुनाव नतीजों के बाद लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर संजय यादव पर सीधा प्रहार किया था, जिसके बाद विवाद और गहरा गया। ऐसे माहौल में संजय यादव का इस बैठक से दूरी बनाना पार्टी के भीतर तनाव की नई परत जोड़ गया।
नेताओं के बीच यह चर्चा खुलकर चलती रही कि आखिर रोहिणी के बयान ने पार्टी की एकजुटता पर कितना असर डाला।
हार के बाद पहली बार कार्यकर्ताओं के सामने आए तेजस्वी
चुनावी हार के बाद RJD में मचा बवाल: तेजस्वी यादव चुनावी हार के बाद से पार्टी कार्यकर्ताओं और मीडिया से दूर बने हुए थे, लेकिन इस बैठक के माध्यम से वे पहली बार सार्वजनिक रूप से अपने नेताओं के सामने आए। बैठक में उनकी मौजूदगी और चुप्पी दोनों ही चर्चा का विषय बनी रहीं।
जगदानंद सिंह की उपस्थिति भी संकेत दे रही थी कि पार्टी संगठन में कई बदलाव और टकराव एक साथ उभर रहे हैं।
आरजेडी में घमासान जारी, सवालों से घिरा नेतृत्व
चुनावी झटके के बाद जिस तरह से आरजेडी में परिवारिक खींचतान, नेताओं के बीच अविश्वास और अचानक मीटिंग छोड़ने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं, इससे साफ है कि पार्टी अभी उथल-पुथल के दौर में है।
अंदरूनी कलह और नेतृत्व को लेकर उठ रहे सवाल आने वाले दिनों में इस राजनीतिक दल के लिए और भी चुनौतियां खड़ी कर सकते हैं।

