Friday, June 6, 2025

Ram mandir: राम मंदिर में ऐतिहासिक क्षण: देव विग्रहों का अभिषेक, राम दरबार को पहनाए गए आभूषण

Ram mandir: अयोध्या के भव्य राम मंदिर में एक और ऐतिहासिक पल जुड़ गया जब गुरुवार को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा विधि-विधान से संपन्न हुई। इस पावन मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और इस ऐतिहासिक घड़ी के साक्षी बने।

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Ram mandir: गंगा दशहरा पर हुआ शुभ अनुष्ठान

राम दरबार समेत कुल आठ देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा गंगा दशहरा के दिन सुबह 11:25 से 11:40 बजे के बीच अभिजीत मुहूर्त में की गई। यही नहीं, इस खास दिन पर रामेश्वरम की भी प्राण प्रतिष्ठा हुई। सुबह 6 बजे से धार्मिक अनुष्ठान शुरू कर दिया गया था। यज्ञमंडप में सभी देवताओं का विधिपूर्वक पूजन और हवन किया गया।

वैदिक मंत्रों की गूंज और आध्यात्मिक माहौल

जब अनुष्ठान शुरू हुआ तो मंदिर परिसर चारों तरफ वैदिक मंत्रों, शंखध्वनि और हवन की खुशबू से गूंज उठा। ब्रह्ममुहूर्त से ही पंडितों, आचार्यों और संतों की उपस्थिति ने वातावरण को और भी पवित्र बना दिया। इस दौरान 19 प्रमुख संत भी उपस्थित थे।

सीएम योगी ने किया दर्शन और अभिषेक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तय समय पर सुबह 10:30 बजे अयोध्या पहुंचे। रामकथा पार्क में उनका स्वागत कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और अन्य भाजपा नेताओं ने किया। सीएम ने पहले हनुमानगढ़ी में दर्शन किए, फिर राम मंदिर पहुंचे और सभी देव विग्रहों का अभिषेक किया। इसके बाद राम दरबार की मूर्ति से आवरण हटाया गया और भगवान राम का भव्य श्रृंगार किया गया।

बुधवार को हुआ था पूर्व अनुष्ठान

एक दिन पहले बुधवार को सुबह 6:30 बजे से दो घंटे तक यज्ञमंडप में देवताओं का पूजन किया गया। फिर 9 बजे से 9:30 बजे तक अन्नाधिवास की प्रक्रिया हुई। 9:35 से 10:35 बजे तक हवन और फिर 10:40 से 12:40 बजे तक राम दरबार समेत सभी मूर्तियों का अभिषेक किया गया। दोपहर में 2 से 3 बजे के बीच उत्सव मूर्तियों की पालकी यात्रा भी कराई गई।

स्थापत्य और विज्ञान का अद्भुत मेल

राम दरबार केवल धार्मिक महत्व का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसकी मूर्तियां स्थापत्य कला और वैज्ञानिक सोच का अद्भुत उदाहरण हैं। राम दरबार की मूर्तियां विशेष संगमरमर के पत्थर से बनाई गई हैं जो न सिर्फ मजबूत हैं, बल्कि सालों तक अपनी चमक बनाए रखेंगी।

पत्थर का चयन

प्रसिद्ध मूर्तिकार सत्य नारायण पांडेय ने बताया कि मूर्ति निर्माण के लिए लगभग 40 साल पुराने संगमरमर पत्थर का चयन किया गया। अच्छे पत्थर की तलाश में छह महीने लग गए। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सबसे उत्तम पत्थर लाने की जिम्मेदारी दी थी। इसके बाद IIT हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने पत्थर की मजबूती, नमी सोखने की क्षमता, घर्षण और तापमान सहन करने की शक्ति की वैज्ञानिक जांच की। सभी टेस्ट पास होने के बाद ही इसका उपयोग किया गया।

राम दरबार की मूर्तियों का आकार

राम दरबार की मूर्ति सिंहासन समेत लगभग 7 फीट ऊंची है। सिंहासन की ऊंचाई करीब साढ़े तीन फीट है और भगवान राम-सीता का विग्रह लगभग साढ़े चार फीट का है। हनुमान और भरत की मूर्तियां बैठी मुद्रा में हैं, जिनकी ऊंचाई ढाई फीट है, जबकि लक्ष्मण और शत्रुघ्न की मूर्तियां खड़ी मुद्रा में तीन-तीन फीट की हैं।

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Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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