उत्तर भारत में बारिश का कहर: उत्तर भारत में एक बार फिर भारी बारिश ने कहर बरपा दिया। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में बादल फटने और बाढ़ की घटनाओं ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया।
मॉनसून की विदाई शुरू हो चुकी है, लेकिन मौसम का यह खतरनाक रूप दिखाता है कि खतरा अभी टला नहीं है।
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उत्तर भारत में बारिश का कहर: देहरादून में सहस्त्रधारा पर बादल फटने से बाढ़
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा 16 सितंबर की रात को तबाह हो गया।
बादल फटने से तमसा नदी और करलीगाड़ नाले का जलस्तर अचानक बढ़ गया। नतीजा यह हुआ कि नदी किनारे की कई दुकानें और घर तेज बहाव में बह गए। लाखों रुपये का सामान नष्ट हो गया।
देहरादून-हरिद्वार नेशनल हाईवे पर फन वैली और उत्तराखंड डेंटल कॉलेज के पास पुल क्षतिग्रस्त हो गया। तपकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में मलबा भर गया और मंदिर क्षेत्र को काफी नुकसान हुआ।
आईटी पार्क इलाके में सड़कों पर खड़े वाहन खिलौनों की तरह बह गए। अब तक दो लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है और उनकी तलाश में टीमें लगी हुई हैं।
प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू किया
देहरादून में जिला प्रशासन ने तुरंत राहत-बचाव अभियान शुरू कर दिया। SDRF और NDRF की टीमें जेसीबी व भारी मशीनों की मदद से मलबा हटाने और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में लगी हैं।
जिला मजिस्ट्रेट सविन बंसल और एसडीएम कुमकुम जोशी ने रातभर हालात की निगरानी की। एहतियात के तौर पर देहरादून के सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई। प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सहस्त्रधारा क्षेत्र की नाजुक भू-संरचना और अनियोजित निर्माण ने जोखिम को और बढ़ा दिया है। भारी वर्षा के कारण नदियों का जलस्तर अचानक खतरनाक स्तर तक पहुंच गया।
हिमाचल प्रदेश में धरमपुर और मंडी डूबे
इसी रात हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के धरमपुर में भी बादल फटने से भारी तबाही हुई।
सोन खड्ड नदी के उफान से धरमपुर का पूरा बस स्टैंड जलमग्न हो गया। कई बसें और निजी वाहन बह गए। घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं।
पूरे हिमाचल में हालात खराब हैं। 493 सड़कें बंद हो गईं, जिनमें एनएच-3, एनएच-305 और एनएच-503ए जैसे तीन नेशनल हाईवे शामिल हैं।
352 बिजली ट्रांसफॉर्मर खराब हो गए और 163 पेयजल योजनाएं ठप पड़ गईं।
भारी बारिश से बड़ा नुकसान
हिमाचल में 15 सितंबर तक 991.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 44% ज्यादा है। पालमपुर, पंडोह, कांगड़ा और जोगिंदरनगर में लगातार बारिश ने भूस्खलन की घटनाओं को बढ़ा दिया।
इस बार के मॉनसून ने हिमाचल प्रदेश को भारी क्षति पहुंचाई है। 20 जून से अब तक राज्य में 409 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 180 लोग सड़क हादसों में मारे गए।
41 लोग अब भी लापता हैं। सरकार के मुताबिक राज्य को कुल 4,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।