नवादा में रैली के दौरान नया विवाद
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी इन दिनों बिहार के नवादा में ‘वोट अधिकार यात्रा’ पर निकले हुए हैं। इसी दौरान उनकी गाड़ी पर चढ़े एक व्यक्ति ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है। राहुल ने इस दावे को मंच से लाइव प्रसारित किया।
यह शख्स सुबोध कुमार था, जिसने मंच पर कहा कि उसका नाम वोटर लिस्ट से काटा गया है। राहुल गाँधी ने इसे ‘वोट चोरी’ बताते हुए लाखों लोगों के अधिकार छीने जाने का आरोप लगाया और इसे भारत माता पर हमला तक कह डाला। लेकिन चुनाव आयोग की फैक्ट चेक ने इस दावे को झूठा सिद्ध कर दिया।
चुनाव आयोग पर राहुल गाँधी का ‘नकली ड्रामा’
राहुल गाँधी ने सुबोध कुमार को मंच पर बुलाकर माइक थमाया और कैमरों के सामने यह पूरा घटनाक्रम दिखाया।
बाद में उन्होंने सोशल मीडिया पर भी लिखा कि बिहार में लाखों लोगों के साथ यही हो रहा है। लेकिन सच सामने आने पर यह पूरा मामला स्क्रिप्टेड ड्रामा साबित हुआ।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि सुबोध कुमार कोई आम मतदाता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का बूथ लेवल एजेंट (BLA) है।
उसका नाम कभी भी मतदाता सूची में दर्ज ही नहीं था। इसके बावजूद राहुल ने जनता को गुमराह कर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया, जो पूरी तरह झूठा निकला।
चुनाव आयोग का फैक्ट चेक और खुलासा
आयोग की रिपोर्ट में बताया गया कि 29 अक्तूबर 2024 को प्रकाशित सूची और 2025 के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में भी सुबोध कुमार का नाम मतदाता सूची में नहीं था।
उसके परिवार के कुछ सदस्य जरूर सूची में शामिल थे, परंतु उसका नाम कभी दर्ज नहीं हुआ।
आयोग ने कहा कि सुबोध ने न तो फॉर्म-6 भरा और न ही कोई घोषणा पत्र जमा किया। जब बीएलओ ने सूची बूथ पर लगाई तब वह खुद मौजूद था और हस्ताक्षर भी किए थे।
बावजूद इसके उसने मंच पर दावा किया कि उसका नाम हटा दिया गया है। आयोग ने इसे पूरी तरह असत्य और निराधार ठहराया।
राहुल गाँधी की ‘दोहराई गई स्क्रिप्ट’
यह पहली बार नहीं है जब राहुल गाँधी ने इस तरह का झूठ फैलाया। इससे पहले औरंगाबाद में उन्होंने रंजू देवी नाम की महिला को मंच पर लाकर यही दावा करवाया था।
बाद में रंजू देवी ने खुद वीडियो जारी कर कहा कि उनका नाम सूची में मौजूद है और उन्हें गुमराह किया गया था।
राहुल गाँधी का लगातार झूठे आरोप दोहराना उनकी विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था पर बार-बार बेबुनियाद हमले करना जनता की समझदारी पर सीधा प्रहार है।
यह साबित करता है कि उनके आरोप तथ्यों पर नहीं, बल्कि महज राजनीतिक नौटंकी पर आधारित हैं।
राहुल गांधी चल रहे देश को अस्थिर करने के लिए विदेशी एजेंडा पर? यह समानताएं सामान्य नहीं हैं!
अब चुनाव आयुक्त को महाभियोग की धमकी? हारने की खीज से अराजकता पर उतरे राहुल गांधी ?