कोलंबिया में राहुल गांधी
कोलंबिया के दौरे पर पहुँचे राहुल गांधी ने वहाँ इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को ऐसा ज्ञान दिया कि छात्र समझ ही नहीं पाए कि इसे गंभीरता से लें या हँसी में उड़ा दें।
उन्होंने कार और मोटरसाइकिल का उदाहरण देते हुए सवाल खड़ा किया कि आखिर 150 किलो की मोटरसाइकिल दो लोगों को ले जाती है, जबकि 3000 किलो की कार को अक्सर सिर्फ एक ही पैसेंजर क्यों चलाता है।

‘इंजन थ्योरी’ से हक्का-बक्का कोलंबिया
राहुल गांधी ने स्टूडेंट्स से पूछा कि जब मोटरसाइकिल हल्की होने के बावजूद दो लोगों को ढो सकती है, तो भारी भरकम कार क्यों केवल एक को। इस पर एक छात्र ने साहस दिखाते हुए कहा कि इलेक्ट्रिक कारें पेट्रोल कारों से हल्की होती हैं।
इसके जवाब में राहुल ने अपनी नई थ्योरी पेश कर दी, “इंपैक्ट में मोटरसाइकिल का इंजन अलग हो जाता है, लेकिन कार का इंजन सवारी को मार देता है।”
जनता बोली, हँसते-हँसते मर न जाएँ कहीं!
राहुल गांधी ने कार के इंजन को दुर्घटना का जिम्मेदार बताते हुए कहा कि कंपनियां इसे इस तरह बनाती हैं कि सवारी को नुकसान कम हो।
हालांकि, जनता का कहना है कि राहुल की इस ‘इंजन थ्योरी’ ने लोगों को इतना गुदगुदा दिया कि इंजन से तो कोई मरे न मरे, हँसी से लोग ज़रूर मर सकते हैं।
मारुति के ‘टिन का डब्बा’ बनाम राहुल का ‘पंचर तर्क’
कारों की चर्चा पर लोगों ने याद दिलाया कि मारुति का शुरुआती मॉडल जब आया था, तब उसे “टिन का डब्बा” कहा जाता था। लेकिन वही डब्बा आज भी सड़कों पर दौड़ रहा है, जबकि राहुल का तर्क अब जनता की नज़र में पंचर हो चुका है।
तुलना सीधी है, इंजन वाले डब्बे का दम आज भी कायम है, पर ‘ज्ञान वाले डब्बे’ की हवा पहले ही निकल गई।
बीजेपी के लिए तैयार ‘कच्चा माल’
राहुल गांधी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो चुका है। अब राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि बीजेपी को एक और ‘कच्चा माल’ मिल गया है, जिसे प्रचार में इस्तेमाल कर विपक्ष पर निशाना साधा जा सके।
जनता का कहना है कि जब तक राहुल ऐसे भाषण देते रहेंगे, तब तक सियासी गद्दी डगमगाने वाली नहीं है।

