Wednesday, October 15, 2025

प्रेमानंद महाराज की सेहत पर चिंता: पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज से चल रही जंग, जानिए कितनी खतरनाक है ये बीमारी

प्रेमानंद महाराज की सेहत पर चिंता: प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज की तबीयत इन दिनों ठीक नहीं चल रही है। किडनी से जुड़ी गंभीर समस्या के कारण उनकी रोजाना निकलने वाली तीर्थयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।

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देश-विदेश में मौजूद लाखों अनुयायी उनकी सेहत को लेकर प्रार्थनाएं कर रहे हैं। इससे पहले भी उनकी तबीयत बिगड़ने पर पदयात्रा को रोकना पड़ा था।

कौन सी बीमारी से जूझ रहे हैं महाराज?

प्रेमानंद महाराज की सेहत पर चिंता: प्रेमानंद महाराज की सेहत पर चिंता: प्रेमानंद महाराज ने कई बार अपने प्रवचनों में बताया है कि उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं और उन्हें नियमित रूप से डायलिसिस कराना पड़ता है।

2006 में जब उन्हें पेट दर्द की शिकायत हुई, तब जांच में यह पता चला कि उन्हें Polycystic Kidney Disease (PKD) है — यह किडनी की सबसे जटिल और खतरनाक बीमारियों में से एक मानी जाती है।

क्या होती है Polycystic Kidney Disease?

प्रेमानंद महाराज की सेहत पर चिंता: यह बीमारी जेनेटिक डिसऑर्डर यानी आनुवंशिक विकार के कारण होती है। इसमें किडनी के अंदर सिस्ट (गांठें या फोड़े जैसे थैले) बनने लगते हैं, जो समय के साथ आकार में बढ़ते जाते हैं। इसके चलते किडनी का आकार बड़ा हो जाता है और वह शरीर से खून को फिल्टर करने की क्षमता खोने लगती है।

इस बीमारी के दो प्रमुख प्रकार हैं:

  1. ADPKD (Autosomal Dominant PKD): जो आमतौर पर वयस्कों को प्रभावित करती है।
  2. ARPKD (Autosomal Recessive PKD): जो बच्चों में बहुत ही दुर्लभ रूप में पाई जाती है।

बीमारी के खतरनाक लक्षण

  • हाई ब्लड प्रेशर (High BP)
  • यूरिन में खून आना
  • बार-बार यूरिन इन्फेक्शन होना
  • कमर या पेट के निचले हिस्से में दर्द
  • किडनी फेल्योर का खतरा

जैसे-जैसे सिस्ट बढ़ती हैं, किडनी धीरे-धीरे अपना काम बंद करने लगती है। आखिर में मरीज को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है।

क्या यह जानलेवा बीमारी है?

प्रेमानंद महाराज की सेहत पर चिंता: एक मेडिकल स्टडी के मुताबिक, ADPKD से पीड़ित मरीजों में मौत का खतरा सामान्य व्यक्तियों की तुलना में 1.6 से 3.2 गुना अधिक होता है।
वहीं PubMed में छपी रिपोर्ट के अनुसार,

  • CKD (क्रॉनिक किडनी डिजीज) के शुरुआती मरीजों में मौत की दर लगभग 18.4 प्रति 1000 मरीज प्रति वर्ष होती है।
  • जब यह बीमारी ESRD (End Stage Renal Disease) यानी अंतिम अवस्था में पहुंचती है, तब यह दर बढ़कर 37.4 प्रति 1000 मरीज प्रति वर्ष हो जाती है।

समय पर इलाज ही है सबसे बड़ी उम्मीद

प्रेमानंद महाराज की सेहत पर चिंता: US National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases के अनुसार, अगर PKD का इलाज समय रहते न किया जाए तो यह अंततः किडनी फेल्योर में बदल सकती है।
हालांकि इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे कंट्रोल और स्लो डाउन किया जा सकता है।
जैसे —

  • किडनी अल्ट्रासाउंड या MRI से समय पर जांच,
  • ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना,
  • हेल्दी डाइट और पर्याप्त पानी का सेवन — इनसे इस बीमारी के असर को कम किया जा सकता है।

भक्तों की दुआएं और उम्मीदें

प्रेमानंद महाराज की सेहत पर चिंता: प्रेमानंद महाराज के अनुयायी लगातार उनकी सेहत में सुधार के लिए प्रार्थनाएं और यज्ञ कर रहे हैं।
हर कोई यही कामना कर रहा है कि महाराज जल्द स्वस्थ होकर अपने भक्तों के बीच फिर से प्रवचन दें और जनसेवा का कार्य जारी रखें।

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