Sunday, September 14, 2025

मणिपुर की उथल-पुथल में पीएम मोदी को पहुंचाने की अद्भुत दास्तान, एसपीजी ने कैसे बचाई मुश्किल घड़ी

मणिपुर के इंफाल पहुंचते ही सामने आया खतरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मणिपुर की राजधानी इंफाल पहुंचे, तो पायलट ने साफ कह दिया कि मौसम की स्थिति उड़ान के अनुकूल नहीं है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

जबरन उड़ान भरना जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में एसपीजी कमांडो भी अपने वीवीआईपी को खतरे में डालने के पक्ष में नहीं थे।

ब्लू बुक और मोदी का अडिग फैसला

एसपीजी ने तुरंत ब्लू बुक निकाली, जिसमें आपातकालीन एग्जिट प्लान और रूट मैप दर्ज था। लेकिन मोदी ने वहां से लौटने से इनकार किया।

उनका केवल एक ही आग्रह था कि चुराचांदपुर तक का समय बताया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिना वहां के लोगों से मिले वापस लौटने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।

संवेदनशील रास्ता और सुरक्षा का चक्रव्यूह

एसपीजी जानती थी कि जिस रास्ते से मोदी को जाना है, वहां कल ही तोड़फोड़ हुई थी। इंफाल एयरपोर्ट के आसपास मैतई समुदाय के लोग अधिक हैं, जबकि गंतव्य पर कुकी समुदाय का वर्चस्व है।

पहाड़ी रास्तों की संकरी और घुमावदार सड़कें, साथ ही बीच-बीच में भूस्खलन का खतरा भी चुनौतीपूर्ण था।

कांगला किले का जलभराव और सतर्कता

सूचना यह भी थी कि इंफाल स्थित ऐतिहासिक कांगला किले के हिस्सों में घुटनों तक पानी भर चुका है। यहीं पीएम मोदी हिंसा से विस्थापित लोगों से मिलने वाले थे।

एसपीजी ने हर थाने और नाकेबंदी को अलर्ट कर दिया। स्थानीय पुलिस के साथ-साथ मौसम का लगातार अपडेट लिया गया, ताकि किसी भी जोखिम को टाला जा सके।

हर कदम पर सुरक्षा का कड़ा पहरा

एयरपोर्ट से करीब 70 किलोमीटर दूर रैली स्थल तक के रास्ते में हर नाके और थाने पर आईपीएस अफसर खुद तैनात किए गए। मिनटों में ब्लैक शीशों वाली गाड़ियों की कतार खड़ी हो गई। डमी गाड़ियां भी तैयार की गईं। काफिला निकल पड़ा, लेकिन बीच रास्ते मूसलाधार बारिश से दृश्यता बेहद कम हो गई।

तकनीक से लैस एसपीजी की निगरानी

भारी बारिश के बावजूद एसपीजी के कमांडो तकनीक से लैस होकर हर पल हालात पर नजर बनाए रहे। लगातार अपडेट मिलते रहे।

राहत की सांस तब ली गई जब प्रधानमंत्री सुरक्षित चुराचांदपुर पहुंचे। वहां मोदी ने स्थानीय लोगों, महिलाओं और बच्चों से सीधे संवाद किया और उनके दुख-दर्द सुने।

भावुक कर देने वाला पल

मोदी को देखते ही एक बच्ची फूट-फूटकर रो पड़ी। यह दृश्य इतना भावुक था कि प्रधानमंत्री भी प्रभावित हुए।

वहां के लोग, चाहे महिला हों, पुरुष या बुजुर्ग, सब अपने दुख बांटना चाहते थे। मोदी ने उन्हें धैर्य से सुना और शांति बनाए रखने का संदेश दिया।

कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस दौरे को मात्र दिखावा बताया। उन्होंने ट्वीट किया कि तीन घंटे का यह पड़ाव करुणा नहीं, बल्कि घोर अपमान है।

उन्होंने आरोप लगाया कि राहत शिविरों में लोगों की पुकार से बचने के लिए यह रोड शो आयोजित किया गया।

जवाबी सवाल और सियासी बहस

भाजपा समर्थकों ने कांग्रेस से सवाल किया कि जब दशकों तक नॉर्थ ईस्ट विकास से दूर रखा गया, तब उनका राजधर्म कहां था।

यहां तक कि मिजोरम से दिल्ली तक एक ट्रेन भी नहीं चलाई गई। सवाल यह है कि यह मुद्दा सियासत का नहीं बल्कि आम जनता के विकास से सीधे जुड़ा है।

मोदी का संदेश और एसपीजी की तारीफ

प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छा हुआ हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया, क्योंकि सड़क मार्ग से जाते हुए उन्होंने लोगों का स्नेह और विश्वास देखा।

जो मणिपुर हाल तक अशांत था, वहां दोनों समुदायों से मिलकर उन्होंने शांति की अपील की। इस पूरे घटनाक्रम में एसपीजी की तत्परता और सुरक्षा प्रबंधन वाकई प्रशंसा के योग्य रहे।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article