बिहार विधानसभा चुनाव 2025: भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार और गायक पवन सिंह ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे।
उन्होंने कहा कि उनका राजनीति में आने का मकसद चुनाव लड़ना नहीं, बल्कि पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाना है।
यह घोषणा उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट जारी कर की, जिसके बाद उनके चुनावी मैदान में उतरने की सभी अटकलों पर विराम लग गया।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: चुनाव न लड़ने की वजह
पवन सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा, “मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज से बताना चाहता हूं कि मैंने भाजपा ज्वाइन इसलिए नहीं किया कि मुझे चुनाव लड़ना है।
मैं सिर्फ पार्टी का सच्चा सिपाही बनकर कार्य करना चाहता हूं।”
उनके इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि बीजेपी में शामिल होने के बाद उनका इरादा केवल संगठनात्मक स्तर पर काम करने का था, न कि विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनने का।
बीते कुछ हफ्तों से पवन सिंह की बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकातों को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि वह इस बार विधानसभा चुनाव में किसी सीट से उम्मीदवार बन सकते हैं,
लेकिन अब उन्होंने खुद इन अटकलों पर विराम लगा दिया है। पवन सिंह का यह फैसला उनके प्रशंसकों के लिए राहत भरा है, क्योंकि इससे वह अपने मूल क्षेत्र भोजपुरी सिनेमा और संगीत पर पूरा ध्यान दे सकेंगे।
पत्नी से चल रहे विवाद के बीच राजनीतिक फैसला
पवन सिंह का यह फैसला उस समय आया है जब उनका निजी जीवन सुर्खियों में है। उनकी पत्नी ज्योति सिंह के साथ चल रहे विवाद ने मीडिया और सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी है।
ज्योति सिंह ने पवन सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे मामला कानूनी और सामाजिक स्तर पर संवेदनशील बन गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद भी उनके चुनाव न लड़ने के फैसले में एक अहम कारण बन सकता है, क्योंकि सार्वजनिक छवि पर इसका असर पड़ रहा है।
भोजपुरी इंडस्ट्री पर रहेगा फोकस
राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद पवन सिंह का ध्यान अब भी भोजपुरी सिनेमा पर केंद्रित है।
उन्होंने अपने फैंस को आश्वासन दिया है कि आने वाले समय में वे संगीत और फिल्मों के माध्यम से अपने समाज और संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम जारी रखेंगे।
राजनीतिक हलकों में चर्चा
पवन सिंह के इस फैसले को कई राजनीतिक जानकार बीजेपी की रणनीति से जोड़कर देख रहे हैं।
उनका कहना है कि पार्टी ने फिलहाल पवन सिंह की लोकप्रियता का इस्तेमाल प्रचार अभियानों में करने का मन बनाया है, न कि उन्हें सीधे चुनावी मैदान में उतारने का।