Tuesday, September 9, 2025

Nepal: नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया, मंत्रियों और उप-प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा

Nepal: नेपाल की राजनीति एक बार फिर गहरे संकट में घिरती नज़र आ रही है। मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार को उस समय बड़ा झटका लगा जब उनके मंत्रिमंडल के नौ मंत्रियों ने सामूहिक रूप से अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।

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इस्तीफा देने वालों में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और सूचना मंत्रालय से जुड़े वरिष्ठ मंत्री शामिल हैं। इन नेताओं ने अपने इस्तीफे का कारण सरकार की नीतियों और हाल ही में सोशल मीडिया बैन को लेकर भड़के हिंसक प्रदर्शनों के दौरान सरकारी कार्रवाई को बताया है।

Nepal: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बैन करने पर बवाल

नेपाल के कई हिस्सों में Gen-Z युवाओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया था। इन प्रदर्शनों की वजह सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए बैन को माना जा रहा है। प्रदर्शन के दौरान कई जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई,

जिसमें भारी हिंसा देखने को मिली। युवाओं का आरोप है कि सरकार लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंट रही है। उनका मानना है कि सोशल मीडिया पर रोक लगाना सिर्फ नागरिकों की आवाज दबाने का प्रयास है।

उप-प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा

इन हालातों ने सरकार के भीतर ही असंतोष की चिंगारी भड़का दी है। इस्तीफा देने वाले मंत्रियों ने स्पष्ट कहा कि वे एक ऐसी सरकार का हिस्सा नहीं बन सकते जो नागरिक अधिकारों की अनदेखी करे और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान न करे।

सबसे बड़ी बात यह है कि नेपाल के उप-प्रधानमंत्री ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उप-प्रधानमंत्री का इस्तीफा इस बात का संकेत माना जा रहा है कि असंतोष सिर्फ कांग्रेस पार्टी या सरकार के निचले स्तर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि शीर्ष नेतृत्व में भी दरार पड़ गई है।

ओली सरकार का अस्तित्व खतरे में

इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच हिंसा ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया है। नेपाल के बीरगंज में कानून मंत्री अजय कुमार चौरसिया का घर गुस्साई भीड़ ने आग के हवाले कर दिया।

इस घटना ने यह साफ कर दिया कि आम जनता और खासतौर पर युवा वर्ग सरकार से बेहद नाराज़ है। स्थानीय स्तर पर प्रशासन हालात संभालने में नाकाम दिखा और सरकार की छवि पर इसका सीधा असर पड़ा।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही हालात बने रहे तो ओली सरकार का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। मंत्रियों के सामूहिक इस्तीफे ने न केवल सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं,

बल्कि विपक्ष को भी एक बड़ा मौका दे दिया है। नेपाल की संसद में पहले से ही असंतोष का माहौल है और अब यह संकट और गहरा हो गया है।

नेपाल की राजनीति पिछले एक दशक से लगातार अस्थिरता के दौर से गुजर रही है। कभी गठबंधन टूटने तो कभी नेतृत्व संकट के चलते देश में स्थायी राजनीतिक वातावरण नहीं बन सका है।

मौजूदा घटनाक्रम यह दर्शाता है कि नेपाल की जनता, खासकर युवा, अब बदलाव चाहती है। यदि सरकार ने संवाद और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान नहीं किया तो आने वाले दिनों में यह संकट और गहराता जाएगा।

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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