Sunday, October 12, 2025

मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम: सुबह की खांसी और छींक, किसी बीमारी का संकेत?

मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम: कई लोग रोज़ सुबह उठते ही खांसी, छींक या नाक बहने की समस्या से जूझते हैं। जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ता है, लक्षण कम होने लगते हैं।

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इस स्थिति को “मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम” कहा जाता है। यह कोई साधारण सर्दी नहीं, बल्कि शरीर की एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया है जो मौसम, हवा की नमी और प्रदूषण के कारण होती है।

मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम: दरअसल, सुबह के समय ठंडी और नम हवा नाक व गले की संवेदनशील परतों को प्रभावित करती है। इससे शरीर में फ्लू जैसे लक्षण नज़र आने लगते हैं। जैसे छींक, खांसी या गले में खराश।

मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम: सिर्फ छींक नहीं, और भी कई लक्षण हैं मॉर्निंग फ्लू के

डॉक्टर्स बताते हैं कि मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम में सिर्फ छींक या खांसी ही नहीं, बल्कि अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं —

  • सुबह गले में खराश या जलन
  • सिरदर्द या सिर में भारीपन
  • नाक बंद रहना या लगातार बहना
  • आंखों में खुजली, पानी आना या जलन

हल्की थकान या सुस्ती

मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम: ये लक्षण खासकर उन लोगों में अधिक पाए जाते हैं जिन्हें एलर्जी या साइनस की समस्या होती है। रातभर के दौरान बलगम जमा हो जाता है और सुबह के समय यह शरीर से बाहर निकलता है, जिससे छींक और खांसी होती है।

क्या यह कोई बीमारी है?

मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम: विशेषज्ञ बताते हैं कि मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम अपने आप में कोई बीमारी नहीं है। यह किसी छिपे हुए कारण या एलर्जिक प्रतिक्रिया का संकेत हो सकता है।

सुबह के समय हवा में नमी, ठंडक और प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है, जिससे नाक और गले की परतें तुरंत रिएक्ट करती हैं।

यह समस्या अक्सर इन वजहों से होती है —

  • मौसमी एलर्जी या परागकण (Pollen)
  • धूल और धुएं से एलर्जी
  • साइनस या एलर्जिक राइनाइटिस

ठंडी हवा के संपर्क में आना

मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम: अगर लक्षण कभी-कभार आते हैं और कुछ देर में ठीक हो जाते हैं तो चिंता की बात नहीं।

लेकिन अगर हर सुबह यही समस्या हो और लक्षण दिनभर बने रहें, तो यह किसी गंभीर एलर्जिक समस्या या संक्रमण का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से जांच करवाना ज़रूरी है।

कैसे करें बचाव?

मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम: विशेषज्ञों के अनुसार कुछ आसान आदतें अपनाकर मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम से राहत पाई जा सकती है —

  • सफाई का ध्यान रखें – कमरे, पर्दों और बिस्तर की नियमित सफाई करें ताकि धूल और एलर्जी के कण जमा न हों।
  • कमरे का तापमान संतुलित रखें – रात में कमरे को न बहुत ठंडा रखें, न बहुत गर्म।
  • सुबह धीरे-धीरे वेंटिलेशन करें – अचानक खिड़कियां न खोलें; धीरे-धीरे हवा अंदर आने दें।
  • एलर्जी से बचाव करें – यदि एलर्जी है तो मास्क या एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें।
  • गुनगुना पानी पिएं – सुबह गरारे करने और गुनगुना पानी पीने से गला साफ रहता है।
  • जरूरत पड़े तो जांच कराएं। अगर यह समस्या रोज़ाना होती है, तो एलर्जी या साइनस की जांच जरूर करवाएं।

मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम भले ही सुनने में मामूली लगे, लेकिन यह शरीर के इम्यून सिस्टम की संवेदनशीलता को दर्शाता है। अगर इसे नजरअंदाज किया गया, तो आगे चलकर यह क्रॉनिक एलर्जी या साइनसाइटिस जैसी स्थितियों में बदल सकता है।

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