Saturday, September 13, 2025

मोदी ने दी कार्की को बधाई: नेपाल की नई अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कार्की, पीएम मोदी ने दी बधाई

मोदी ने दी कार्की को बधाई: नेपाल में 8 सितम्बर को सोशल मीडिया बैन से शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ गया था, की वहां के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को PM पद से इस्तीफा देना पड़ा। जिसके बाद अब देश में अंतरिम सरकार का गठन किया गया है।

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मोदी ने दी कार्की को बधाई: नेपाल की नई अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कार्की, पीएम मोदी ने दी बधाई

मोदी ने दी कार्की को बधाई: नेपाल की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। देश की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकीं सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया गया है।

73 वर्षीय कार्की ने शुक्रवार (12 सितंबर 2025) को अंतरिम प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इस घटनाक्रम ने न केवल नेपाल की सियासत में नई करवट ला दी है बल्कि भारत-नेपाल रिश्तों पर भी इसका सीधा असर दिखाई देने लगा है।

मोदी ने दी कार्की को बधाई: पीएम मोदी की प्रतिक्रिया

मोदी ने दी कार्की को बधाई:भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर सुशीला कार्की को बधाई दी।

उन्होंने लिखा – “नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण करने पर माननीय सुशीला कार्की जी को हार्दिक शुभकामनाएं।

नेपाल के भाई-बहनों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए भारत पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”

पीएम मोदी ने नेपाली भाषा में भी ट्वीट कर अपनी शुभकामनाएं साझा कीं।

माना जा रहा है कि कार्की का झुकाव भारत समर्थक नीतियों की ओर है, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को चीन के करीब माना जाता था।

राजनीतिक संकट के बीच बनीं अंतरिम पीएम

केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल कई दिनों तक अस्थिरता में रहा। इसी दौरान GenZ प्रदर्शनकारियों ने सुशीला कार्की का नाम सामने रखा और यह प्रस्ताव सीधे आर्मी चीफ तक पहुंचाया।

हालांकि राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल शुरू में संविधान का हवाला देकर हिचक रहे थे, क्योंकि नेपाल का संविधान पूर्व जज को राजनीतिक पद देने की इजाज़त नहीं देता।

लेकिन व्यापक आंदोलन और जनता के दबाव के आगे अंततः 12 सितंबर को सुशीला कार्की को शपथ दिलाई गई।

सुशीला कार्की ने मानीं प्रदर्शनकारियों की मांगें

अंतरिम प्रधानमंत्री बनते ही कार्की ने GenZ आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगों को स्वीकार कर लिया है। इनमें शामिल हैं –

6 से 12 महीने के भीतर आम चुनाव कराने की घोषणा।

संसद भंग कर अंतरिम सरकार को पूर्ण अधिकार सौंपना।

नागरिक और सेना दोनों के प्रतिनिधित्व वाली व्यवस्था।

पुराने दलों और नेताओं की संपत्ति की जांच के लिए शक्तिशाली न्यायिक आयोग का गठन।

आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की निष्पक्ष जांच और पीड़ितों को न्याय दिलाने का वादा।

भारत-नेपाल रिश्तों पर असर

गौरतलब है कि सुशीला कार्की पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की तारीफ कर चुकी हैं। अब उनके सत्ता में आने से भारत और नेपाल के बीच नजदीकियों के बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। वहीं चीन की ओर झुकाव रखने वाली ओली सरकार के पतन को काठमांडू की राजनीति में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।

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