Mira Murati: इस बार मेटा ने एक नई और तेजी से उभरती एआई कंपनी “थिंकिंग मशीन्स लैब” को टारगेट किया। ये कंपनी ओपनएआई की पूर्व टेक्नोलॉजी चीफ मीरा मुराती ने शुरू की है। मेटा ने मुराती की कंपनी के कई वैज्ञानिकों को बहुत ही बड़े ऑफर दिए।
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Mira Murati: थिंकिंग मशीन्स ने ठुकराया मेटा का ऑफर
कुछ को तो कई सालों के लिए 1 अरब डॉलर (लगभग 8300 करोड़ रुपये) तक का ऑफर दिया गया। बाकी लोगों को भी 20 से 50 करोड़ डॉलर (1600 से 4000 करोड़ रुपये) तक के पैकेज ऑफर किए गए।
इतने बड़े पैसों के ऑफर के बावजूद, हैरानी की बात यह है कि थिंकिंग मशीन्स लैब के एक भी वैज्ञानिक ने मेटा का ऑफर स्वीकार नहीं किया।
सूत्रों ने साफ कहा है कि मेटा के इतने भारी ऑफर देने के बाद भी इस लैब का कोई भी कर्मचारी नहीं गया। ये दिखाता है कि मीरा मुराती की टीम सिर्फ पैसे से नहीं, बल्कि उनके विज़न और सोच से जुड़ी हुई है।
मीरा ने बनाई अपनी कंपनी
दिलचस्प बात यह है कि थिंकिंग मशीन्स लैब ने अभी तक कोई प्रोडक्ट लॉन्च नहीं किया है, फिर भी इसका वैल्यूएशन 12 अरब डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच चुका है। यह मीरा मुराती की सोच और नेतृत्व पर निवेशकों के भरोसे को दिखाता है।
मीरा मुराती ने जब ओपनएआई छोड़ा और अपनी कंपनी बनाई, तब लोगों को लगा कि ये एक छोटी सी कोशिश है, लेकिन अब ये कंपनी एआई की दुनिया में एक बड़ा नाम बन चुकी है। इसकी टीम में वही लोग हैं जो एआई को गहराई से समझते हैं और इसके सामाजिक और नैतिक असर पर भी सोचते हैं।
पैसा सब कुछ नहीं होता
मेटा जैसी बड़ी कंपनी के इतने पैसों के ऑफर को ठुकराना कोई आसान फैसला नहीं था, लेकिन इस टीम ने दिखा दिया कि पैसा सब कुछ नहीं होता। जब एक टीम को अपने मकसद और नेता पर भरोसा हो, तो कोई भी लालच उन्हें हिला नहीं सकता।
यह घटना दिखाती है कि अब टेक्नोलॉजी की दुनिया में पैसे से ज्यादा जरूरी हो गया है भरोसा, सोच और टीम की एकता। मीरा मुराती ने सिर्फ एक कंपनी नहीं बनाई है, बल्कि एक ऐसा माहौल बनाया है जहाँ लोग मिलकर कुछ बड़ा और सही करना चाहते हैं।