Minneapolis Shooting: अमेरिका के मिनियापोलिस शहर में बुधवार को हुए एक आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया।
यह हमला एक कैथोलिक स्कूल के अंदर उस समय हुआ जब बच्चे प्रार्थना कर रहे थे। अचानक चर्च की खिड़कियों से हमलावर ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
इस दर्दनाक वारदात में दो बच्चों की मौत हो गई जबकि सत्रह से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए। घटना के बाद हमलावर ने खुद को भी गोली मार ली। एफबीआई की प्रारंभिक जांच में इसे घरेलू आतंकवाद और धार्मिक नफरत से जुड़ा मामला माना गया है।
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Minneapolis Shooting: भारत पर परमाणु हमला करो
शूटर की पहचान रॉबिन वेस्टमैन के तौर पर हुई, जो खुद को ट्रांसजेंडर मानता था। उसके हथियारों पर कई नफरत भरे संदेश लिखे मिले।
इनमें “Nuke India” यानी भारत पर परमाणु हमला करो, “माशा अल्लाह”, “डोनाल्ड ट्रंप को मार डालो” और “इजरायल का पतन होना चाहिए” जैसे नारे शामिल थे।
इन संदेशों से साफ होता है कि हमलावर कट्टरपंथी सोच और राजनीतिक गुस्से दोनों से प्रभावित था। भारत के खिलाफ लिखा संदेश “Nuke India” भी उसके हिंसक और अतिवादी इरादों की ओर इशारा करता है।
हथियारों का जखीरा
हमले से पहले वेस्टमैन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कई वीडियो डाले थे। इन वीडियो में उसने राइफल, पिस्टल और शॉटगन सहित कई हथियारों का जखीरा दिखाया। वह कहता नजर आया कि ये हथियार उसके लिए जरूरी हैं और वक्त आने पर उनका इस्तेमाल होगा।
जांच में अधिकारियों को दो जर्नल भी मिले हैं एक साठ और दूसरा डेढ़ सौ पन्नों का जो सिरिलिक भाषा में लिखे गए हैं। माना जा रहा है कि इन डायरियों में उसकी कट्टर विचारधारा और हिंसक सोच दर्ज है।
ट्रंप के ट्रांसजेंडर फैसले से नाराज
इस घटना में राजनीतिक एंगल भी सामने आया है। हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रांसजेंडर अधिकारों पर कई सख्त फैसले लिए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि इन नीतियों से वेस्टमैन बेहद नाराज था।
यही वजह है कि उसने हथियारों पर ट्रंप के खिलाफ हत्या जैसी धमकी भरे नारे लिखे। इससे यह साफ झलकता है कि हमलावर केवल धार्मिक नफरत नहीं, बल्कि राजनीतिक असंतोष से भी प्रेरित था।
घरेलू आतंकवाद की भयावह तस्वीर
मिनियापोलिस का यह हमला अमेरिकी समाज में बढ़ती कट्टरता और घरेलू आतंकवाद की भयावह तस्वीर पेश करता है।
यह घटना दिखाती है कि कैसे व्यक्तिगत पहचान, धार्मिक कट्टरपंथ और राजनीतिक विरोध जब मिलते हैं तो एक खतरनाक विस्फोटक स्थिति पैदा होती है।
स्कूल में हुए इस नरसंहार ने यह चेतावनी दी है कि आतंकवाद अब केवल बाहरी दुश्मनों से नहीं, बल्कि अंदरूनी विचारधाराओं से भी बड़ा खतरा बन चुका है।