कर्नाटक के शिवमोग्गा में अंजान चार व्यक्तियों ने एक राह चलते राहगीर को पहले तो रोका,
फिर उससे उसका नाम और पता पूछा और जब उन लोगों के पूछने पर राहगीर ने अपना धर्म “हिन्दू” बताया, तो उन चारों ने मिलकर उस राहगीर की जमकर पिटाई की।
राहगीर का नाम हरीश बताया जा रहा है और उसने दवा किया है कि वो अपने दोस्त से मिलने जा रहा था तभी अंजान लोगों ने उसे उसका नाम और धर्म पूछकर मारा।
पिटाई करने के साथ-साथ उन लोगों ने उसके 50 हज़ार रूपये भी छीन लिये और उसकी सोने की अंगूठी भी उतरवा ली।
कर्नाटक: पीड़ित के भागने के कोशिश पर हमलावरों ने वापस पकड़कर मारा
पीड़ित हरीश शिवमोग्गा का रहने वाला है। FIR के मुताबिक शनिवार रात करीब 11.15 बजे पीड़ित पार्टी कसाना, सेकेंड क्रॉस के पास से गुजर रहा था।
तभी चार अंजान लोगों ने उस पर हमला कर दिया।
हमलें के दौरान हरीश उन लोगों से बचकर भागने में क़ामयाब हुआ तो उन लोगों ने उसका पीछा किया और उसे पकड़कर वापस उसकी पिटाई की।
हमले के बाद हरीश का हाल
हालांकि एक बाइक सवार वहां से गुज़र रहा था, तो उसे देखकर हमलावर भाग गये। बाइक सवार ने हरीश को अस्पताल पहुंचाया।
घटना के बाद हरीश ने दो अस्पतालों में अपना इलाज़ करवाया और डर से वो बाहर नहीं निकला।
17 नवंबर को शिकायतकर्त्ता ने पुलिस थाने जाकर शिकायत दर्ज़ करवाई।
उसने बताया कि हमलावरों ने उसे चाकू दिखाकर धमकाया और उसकी आँख और नाक पर वार किया।
MLA ने उठाए पुलिस पर सवाल
घटना के बाद शिवमोग्गा के विधायक एसएन चन्नबसप्पा पीड़ित के साथ डोड्डापेटे पुलिस स्टेशन पहुंचे।
उन्होंने पुलिस पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लापरवाही के आरोप लगाए।
विधायक ने कहा कि शहर में लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे।
उनका आरोप है कि पुलिस जरूरी काम छोड़कर सिविल विवादों में उलझी रहती है और कई बार शिकायतकर्ताओं की पहचान भी लीक कर देती है।
अब सवाल यह है कि आख़िर कब तक मज़हबी अंजान हमलावरों का भेष बदलकर हिन्दुओं पर हमला करते रहेंगे।
यह हमले केवल हिन्दू धर्म बताने पर ही क्यों होते है?
कभी मुस्लिम धर्म बताने पर हमला करने की घटना क्यों सामने नहीं आती है?

