मद्रास हाई कोर्ट कांग्रेस के उस दावे को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया, जिसमें पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।
अदालत ने इस मामले में दाखिल जनहित याचिका (PIL) को न केवल निराधार बताया बल्कि याचिकाकर्ता पर ₹1 लाख का जुर्माना भी ठोंक दिया।
Table of Contents
याचिकाकर्ता ने सरकार से राहुल के वोट चोरी पर मांगा था जवाब
मद्रास हाई कोर्ट: यह याचिका वकील वी. वेंकटा सिवकुमार ने दायर की थी।
इसमें कहा गया था कि चुनाव आयोग को राहुल गाँधी द्वारा 7 अगस्त 2025 को दिए गए प्रेज़ेंटेशन में उठाए गए आरोपों पर सरकार को जवाब देना चाहिए।
राहुल गाँधी ने दावा किया था कि 2024 के चुनावों में वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई।
कोर्ट ने आरोपों को भ्रामक और बेबुनियाद बताया
मद्रास हाई कोर्ट: लेकिन चीफ़ जस्टिस मनिंद्रा मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस जी. अरुल मुरुगन की बेंच ने साफ कहा कि याचिका ‘‘भ्रामक और बिना सबूत’’ है।
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इसमें ठोस सामग्री या स्वतंत्र जाँच का कोई आधार नहीं है।
चुनाव आयोग पर दबाव की कोशिश नाकाम
मद्रास हाई कोर्ट: अदालत ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग को अपने फैसले खुद लेने का अधिकार है और इस पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया जा सकता।
कोर्ट ने कहा कि अस्पष्ट आरोपों के आधार पर आयोग से जवाब माँगना उचित नहीं।
इसके साथ ही अदालत ने जुर्माना तमिलनाडु स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को जमा कराने का आदेश दिया।
बीजेपी का हमला और कांग्रेस की किरकिरी
मद्रास हाई कोर्ट: इस फैसले के बाद बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया।
उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी का पूरा प्रेज़ेंटेशन विदेश में तैयार किया गया था और इसकी कोई विश्वसनीयता नहीं थी।
कोर्ट ने भी याचिका को भ्रामक और निराधार करार देकर कांग्रेस की साजिश को बेनकाब कर दिया।
मालवीय ने यह भी कहा कि बीजेपी शासन, स्थिरता और विकास पर ध्यान दे रही है, जबकि कांग्रेस झूठे प्रचार और कानूनी लड़ाइयों में समय गँवा रही है।