केरल में जहाँ वामपंथी और कांग्रेस के नेता हमेशा यह कहते रहे हैं कि “लव जिहाद प्रोपेगैंडा है”, वहीं अब उन्हीं के एक नेता के घर से ऐसा मामला सामने आया जिसने उनके इस बयान पर विरोधाभास पैदा कर दिया है।
केरल: सीपीएम (CPI-M) के एरिया कमिटी मेंबर पीवी भास्करन की बेटी संगीता, जो पैरालाइज्ड है, एक मुस्लिम युवक राशिद से शादी करना चाहती थी।
केरल: मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा बताया जा रहा है कि जब पिता ने ये बात सुनी तो उन्होनें अपनी बेटी को घर में कैद कर लिया, उसे बेरहमी से मारा-पीटा, यहां तक कि उसका पैरालिसिस का इलाज तक बंद करवा दिया।
भास्करन Kerala स्टोरी को बताते हैं RSS का प्रोपेगैंडा
केरल: यही भास्करन वही नेता हैं जिन्होंने पहले ‘The Kerala Story’ फिल्म को “RSS का प्रोपेगैंडा” कहकर खारिज कर दिया था।
लेकिन जब मामला उनकी अपनी बेटी से जुड़ा, तो उनके व्यवहार बदल गया। ऐसा लग रहा है जैसे उन्हें भी उनकी बेटी का एक मुस्लिम युवक से शादी करना “लव जिहाद” लग रहा है।
संगीता की गुहार और पुलिस की चुप्पी
केरल: संगीता ने एक वीडियो जारी कर बताया कि पिता और भाई ने न सिर्फ उसकी संपत्ति हड़प ली, बल्कि उसे धमकाया भी कि “कम्युनिज्म यहाँ नहीं चलेगा, मार दूँगा और केस से बच जाऊँगा।”
उसने कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की, लेकिन स्थानीय पुलिस ने रिपोर्ट दी कि संगीता अपने माता-पिता के साथ है, जबकि असलियत कुछ और थी।
केरल में राजनीतिक प्रभाव का ये क्लासिक उदाहरण है जहाँ नेता का रसूख इंसाफ़ पर भारी पड़ गया।
संगीता ने डीएसपी और कलेक्टर से भी शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
केरल: भास्करन का दावा है कि राशिद पहले से शादीशुदा है और उसकी बेटी को 1.5 करोड़ की संपत्ति के लालच में फँसाया गया।
ये वही भास्करन हैं जिन्होंने ‘The Kerala Story’ को झूठा बताया था, जबकि फिल्म में केरल की नॉन-मुस्लिम लड़कियों को टारगेट करने वाले नेटवर्क्स को दिखाया गया था।
वामपंथी और कांग्रेस, दोनों दलों ने हमेशा कहा कि “लव जिहाद” एक झूठ है।
सोशल मीडिया पर उठ रहे सवाल
केरल: लेकिन जब उनके अपने घर में वही कहानी सच साबित हुई, तो सवाल उठना लाजमी है कि क्या ये फेक सेक्युलरिज्म का सबसे बड़ा उदाहरण नहीं है?
सोशल मीडिया पर अब लोग खुलकर सवाल उठा रहे हैं कि “अगर वामपंथी इतने ही सेक्युलर थे, तो अपनी बेटी की इंटरफेथ शादी से डर क्यों गए?”
नेटिज़न्स का कहना है कि यह मामला साफ दिखाता है कि लव जिहाद कोई कल्पना नहीं, बल्कि एक ऐसी सच्चाई है जो धीरे-धीरे समाज को खोखला कर रही है।
लोगों ने यह भी लिखा कि जिन नेताओं ने ‘The Kerala Story’ जैसी फिल्मों को “फेक नैरेटिव” बताया, वही आज अपने घर में उसी डर का शिकार हैं।
केरल ही नहीं, पश्चिम बंगाल और कई अन्य राज्यों में भी ऐसे केस सामने आए हैं, जहाँ वामपंथी शासन के दौरान हिंदू लड़कियों को मुस्लिम युवकों द्वारा फँसाए जाने के आरोप लगे।
लेकिन राजनीतिक दलों ने हमेशा इस विषय को वोट बैंक के डर से दबा दिया।


