खालिस्तानी: कनाडा के संसद में मंगलवार (18 जून) को खालिस्तानी आतंकी की हरदीप सिंह निज्जर की मौत को लेकर, उन्हें 1 साल पूरा होने पर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान संसद भवन में 1 मिनट का मौन भी रखा गया। भारत ने इसे लेकर आपत्ति जताई। और क्यों न जताये भारत आपत्ति ये वही खालिस्तानी आतंकी है जिसने 329 बेगुनाहों को मौत के घाट उतार दिया। आइये जानते हैं आज 39 साल पुरानी वो कहानी जो आज भी हम भारतियों के ज़हन में ताजा है। कैसे इन खालिस्तानी आतंकियों ने एयर इंडिया की फ्लाइट-182 में सवार 329 लोगों की जान लेली थी।
तो ये था पूरा मामला
22 जून, 1985 मंजीत सिंह नाम का एक आदमी दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर कनाडा के वैंकूवर शहर से टोरंटो जाने के लिए चेक इन करता है। जब टिकट कन्फर्म नहीं होती तो वो वहां मौजूद स्टाफ से गुजारिश करने लगता है वो कहता हैवो न सही कम से कम उसका सामन ही फ्लाइट से भारत भेज दिया जाए। स्टाफ की एजेंट उसकी बातों में आकर उसकी बात मान लेती है और उसका सामन इस फ्लाइट में रख दिया जाता है।
भले ही मंजीत इस विमान में नहीं था लेकिन उसका सामन तो वहां था। ये फ्लाइट रात 8 बजकर 22 मिनट पर टोरंटो पहुंचती है। इसके बाद टोरंटो से भारत आने वाली फ्लाइट-182 में सभी यात्रियों और सामान को शिफ्ट किया जाता है। ये विमान टोरंटो से होकर लंदन होते हुए भारत के लिए उड़ान भरने वाला था। वैंकूवर के बाद टोरंटो एयरपोर्ट पर मंजीत के सामान की जांच नहीं की गयी। इसे सीधे भारत आने वाली फ्लाइट में शिफ्ट कर दिया गया।
फिर आती है 23 जून, 1985 ,रात 12:15 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट-182 टोरंटो से भारत के लिए उड़ान भरती है। फ्लाइट में 307 पैसेंजर्स और 22 क्रू मेंबर्स थे। पलाइन लंदन से हीथर एयरपोर्ट से करीब 45 मिनट पहले रडार से गायब हो जाता है। कट्रोल रूम उसी रुट पर आ रही 2 और फ्लाइट्स से पूछता है कि क्या उन्हें फ्लाइट-1982 दिखाई दे रही है जिसका जवाब उन्हें मिलता है नहीं।
कुछ ही देर में ब्रिटैन के एक मालवाहक विमान पायलट कट्रोल रूम को एक मैसेज भेजता है , जिस मैसेज से वहां पूरा माहौल गरमा जाता है। वो मैसेज था कि फ्लाइट-1982 का मलबा अटलांटिक सागर में दिखा है। बाद में जांच में सामने आया कि जैसे ही ये विमान आयरलैंड के समुद्री तट पर पहुंचा उसमें एक धमाका हुआ जिसमें सभी मौजूद लोग मारे गए। और इतना ही नहीं इसके कुछ समय बाद ही इन खालिस्तानी आतंकियों ने दूसरे भारतीय विमान को भी बम से उड़ाने की कोशिश की।
कनाडा में सब चीजें खुले आम चल रही थी लेकिन उन्होनें कभी एक्शन नहीं लिया
एयर इंडिया के इस हादसे के बाद, 8 नवंबर 1985 को कनाडा की रॉयल कनेडियन माउंटेड पुलिस यानी RCMP और इंटिलेजेंस सर्विस बब्बर खालसा इंटरनेशल संगठन के हेड तलविंदर सिंह परमार और इंद्रजीत सिंह रेयात के घर पर रेड डालती हैं। उनकी गिरफ्तारी की जाती है। बॉम्बिंग में उन दोनों का हाथ होने से जुड़ी कई तरह की बातें सामने आई थी। इसके बावजूद सुबूतों की कमी बताकर दोनों को छोड़ दिया जाता है। ऐसे ही कई मामलों कनाडा सरकार ने आजतक कभी कोई कार्यवाही नहीं की इसलिए इन खिस्तानियों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं। अब आप खुद सोचिये ऐसी भी किसी से क्या दुश्मनी की बेगुनाहों को मरवा दिया जाए। और आज यही कनाडा सरकार मंजीत जैसे आतंकवादी की श्रद्धांजलि मन रहे हैं और तो और एक मिंट का मौन व्रत भी रख रहे हैं।